शहरों में पशु रखने का भी लेना होगा अब लाइसेंस!
कोर्ट ने 28 माह पहले पशुओं और डेयरियों के लिए नियम बनाने के दिए थे आदेश, सभी निकायों के लिए मॉडल उप-विधियां होंगी जारी
जयपुर। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में पशुओं एवं पशु डेयरियों के लिए भी अब लाइसेंस लेना होगा। स्वायत्त शासन विभाग की ओर से इसके लिए मॉडल उप-विधियां जारी करने का निर्णय लिया है। विभाग ने नगर निगम जयपुर ग्रेटर और हेरिटेज के आयुक्त एवं अतिरिक्त आयुक्त को निर्देशित करते हुए सात दिवस में प्रारूप भिजवाने को कहा है।
फिलहाल शहरी क्षेत्रों में पशु डेयरियों को तो बाहर शिफ्ट कर दिया गया है, लेकिन फिर भी चोरी-छिपे कई डेयरियां और पशुओं को रखा जा रहा है, जिस पर आए दिन निकायों की ओर से कार्रवाई भी की जाती है। संजय बाजार व्यापार मण्डल समिति बनाम राज्य सरकार व अन्य सिविल रिट पिटिशन में उच्च न्यायालय ने 5 अगस्त, 2019 को संपूर्ण राजस्थान के लिए पशुओं एवं पशु डेयरियों के लिए लाइसेंस नियम बनाए जाने के निर्देश प्रदान किए गए है। कोर्ट के निर्णय की पालना के लिए 28 माह बाद अब स्वायत्त शासन विभाग ने नियम बनाने के लिए प्रारूप तैयार करने को कहा है। डीएलबी निदेशक एवं विशिष्ट सचिव दीपक नंदी के अनुसार पशुओं एवं पशु डेयरियों के लिए लाइसेंस जारी करने के लिए राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 247, 248 एवं 251 के अन्तर्गत नगरपालिका अधिनियम की धारा-340 की उपधारा-1 के तहत राज्य की समस्त नगरीय निकायों के लिए इस विषय पर उप-नियम बनाए जाने के लिए मॉडल उप-विधियां राज्य स्तर से जारी किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए उप नियमों का प्रारूप सात दिवस में मांगा गया है, जिसके बाद न्यायालय के आदेश के अनुरुप नगरपालिकाओं को मॉडल उपविधियों के प्रारूप का परीक्षण कर एडोप्ट करने के लिए भिजवाया जा सकेगा।
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