विधानसभा अध्यक्ष का अफसरों को सीधा आदेश सवालों के जवाब में कोताही बर्दाश्त नहीं 

क्वॉलिटी आफ  डिबेट के लिए जवाब आवश्यक  

विधानसभा अध्यक्ष का अफसरों को सीधा आदेश सवालों के जवाब में कोताही बर्दाश्त नहीं 

विधानसभा में विधायकों की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब समय पर तैयार करके नहीं देने और सदन में मंत्रियों की तरफ से दिए गए प्रस्तावों और आश्वासनों पर कार्रवाई की जानकारी नहीं देने के कारण विधानसभा अध्यक्ष अफसरशाही से काफी नाराज हैं। 

जयपुर। राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने राज्य सरकार के सभी आला अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि विधायकों की ओर से सदन में पूछे गए सवालों के जवाब में कोताही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर भविष्य में इस आदत में सुधार नहीं हुआ तो विधायिका को सीधी कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि क्वॉलिटी आफ डिबेट के लिए सरकार का जवाब होना आवश्यक है। विधानसभा जोशी ने बुधवार को विधानसभा में राज्य सरकार के सभी विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रमुख शासन सचिवों को तलब किया। 

विधानसभा में विधायकों की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब समय पर तैयार करके नहीं देने और सदन में मंत्रियों की तरफ से दिए गए प्रस्तावों और आश्वासनों पर कार्रवाई की जानकारी नहीं देने के कारण विधानसभा अध्यक्ष अफसरशाही से काफी नाराज हैं। 

जोशी ने ये दिए निर्देश 
विधानसभा अध्यक्ष जोशी ने अफसरों से कहा कि विधानसभा में पूछे गए प्रश्नों का जवाब प्राथमिकता से दिया जाना आवश्यक है। विधानसभा में क्वॉलिटी आफ  डिबेट के लिए यह जवाब जरूरी होते हैं। समय पर कार्यों का निस्तारण भी किया जाना चाहिए। विभागों के वार्षिक प्रतिवेदनों को प्रत्येक वर्ष दिसम्बर में अधिकारी फॉलोअप करें, ताकि यह प्रतिवेदन विधानसभा सत्र के शुरू   होने के सात दिन पहले विधानसभा में आवश्यक रूप से प्रस्तुत हो सके। वार्षिक प्रतिवेदन विधानसभा सत्र के शुरू होने के सात दिन पहले विधानसभा में प्रस्तुत करना आवश्यक है। जोशी ने 14वीं और 15वीं विधानसभा के विभिन्न सत्रों में पूछे गए प्रश्नों के जवाब आगामी 15 दिनों में विधानसभा में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। 

पहले भी जता चुके हैं नाराजगी 
अफसरों की इस लापरवाही को लेकर मुख्य सचिव उषा शर्मा को विधानसभा सचिवालय ने दो बार पत्र लिखे हैं। अध्यक्ष जोशी ने 15वीं और उससे पहले 14वीं विधानसभा (2013-2018) के प्रश्नों, आश्वासनों और प्रस्तावों पर भी अब तक जवाब नहीं देने और कार्रवाई नहीं करने पर नाराजगी जताई है। 

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