पद का दुरुपयोग कर बदली निविदाओं की नियम शर्तें
जिला लेखा प्रबंधक एनएचएम पर आरोप, चहेती फर्मों को दिलाया जा रहा है कार्य, सीएमएचओ ने मामले की जांच की शुरू
एक तरफ तो राजस्थान के मुख्यमंत्री छोटे और मझले व्यवसाय करने वाले लोगें को प्रोत्साहित करने की इन्वेस्टमेंट समिट जैसी इवेंट आयोजित कर छोटे उद्यमों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं तो वही दूसरी और बून्दी का सीएमएओ कार्यालय में कार्यरत जिला लेखा प्रबंधक भ्रष्टाचार करते हुए ऐसे छोटे और मझले व्यवसाय करने वाले लोगों को टर्न आॅवर आदि की शर्तों लगाकर बाहर करके बड़े लोगों को लाभ पहुंच रहा है तथा कमीशन के नाम पर उनसे मोटी राशि वसूल रहा है।
बून्दी। जिला लेखा प्रबंधक एनएचएम पर चहेती फ र्म को लाभ दिलवाने की नियत से निविदाओं की नियम शर्तें बदलने का मामला सामने आया है। आरोप है कि निविदाएं तैयार करते निविदा में टर्न आॅवर आदि की अनावश्यक शर्ते जोड़ कर स्थानीय और छोटे निविदादाताओं को बाहर करने का रास्ता निकाल लिया ताकि छोटे व्यवसाय करने वाले लोगों को दस्तावेजों में कमियां बताकर टेक्निकल बिड में ही बार किया जा सके तथा मिलिभगत वाली फ र्मों को काम दिया जा सके। एक तरफ तो राजस्थान के मुख्यमंत्री छोटे और मझले व्यवसाय करने वाले लोगें को प्रोत्साहित करने की इन्वेस्टमेंट समिट जैसी इवेंट आयोजित कर छोटे उद्यमों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं तो वही दूसरी और बून्दी का सीएमएओ कार्यालय में कार्यरत जिला लेखा प्रबंधक भ्रष्टाचार करते हुए ऐसे छोटे और मझले व्यवसाय करने वाले लोगों को टर्न आॅवर आदि की शर्तों लगाकर बाहर करके बड़े लोगों को लाभ पहुंच रहा है तथा कमीशन के नाम पर उनसे मोटी राशि वसूल रहा है।
शिकायतकर्ता संवेदक मोहम्मद उस्मान ने बताया कि एनएचएम में जिला लेखा प्रबन्धक योगेश सुवालका ने जानबुझकर स्थानीय एवं छोटे निविदादाताओं को बाहर करने के लिए अधिक टर्नआॅवर की शर्तें लगाकर चहेती और मिलीभगत वाली फ र्मों को काम देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि उक्त कार्य के लिए पिछले वर्ष विभाग द्वारा निकाली निविदा में औसत 10 लाख का न्यूनतम टर्न आवर मांगा था जिसकी निविदा राशि 20 लाख रुपये थी। जबकी इस वर्ष भी निविदा की राशि 20 लाख रुपये है एवं औसत टर्न ओवर 60 लाख का कर दिया गया जो नियमानुसार न्याय एवं तर्क संगत नही है और स्पष्ट प्रतित होता है कि निजी लाभ के लिए समान दर की निविदा में टर्न ओवर को 6 गुना बढ़ा दिया गया । इसी प्रकार इसी विभाग की आईईसी कार्य के लिए निकाली गई निविदा औसत में टर्न ओवर 25 लाख रुपये किया गया कटपुतली नचाने के कार्य करने वाले नुक्कड नाटक करने वाले लोगों से लगातार तीन वर्षों तक कम से कम 25 लाख का व्यवसाय करने की शर्त लगाना भी न्याय संगत एवं तर्क संगत नहीं है। शिकायत पत्र में संवेदक ने बताया कि योगेश सुवालका जिला लेखा प्रबन्धक एनएचएम सीमीएचओ कार्यालय बून्दी जो कि संविदा पर कार्यरत है जो कोटा का रहने वाला है तथा रोज कोटा से अप डाउन करता है एवं अधिकांश निविदाओं में कोटा की ही अपनी चहेती व मिलिगगत वाली फ र्मों को लाभ पहुंचाने की दृष्टी से निविदा में टर्न आॅवर आदि की ऐसी अनावश्यक शर्ते जोड़ता है जिसको मात्र इसके साथ मिलिभगत करने वाली फर्म ही पुरी कर सके और और स्थानीय फ र्मे यह टेंडर नहीं भर सके और कार्य इसकी चहेती फ र्मों को मिल जाए। शिकायतकर्ता संवेदक मोहम्मद उस्मान ने मुख्यमंत्री को सम्पर्क पोर्टल के माध्यम से उक्त मामले में शिकायत दर्ज करवा कर विभागीय टीम गठित कर जांच कराने की मांग की है। जिसकी प्रति स्वास्थ्य मंत्री, प्रभारी मंत्री, खेल राज्य मंत्री सहित एनएचएम के निदेशक, जिला कलक्टर बून्दी को भी दी गई शिकायत में मांग की हैं कि उक्त लेखा प्रबंधक द्वारा निकाली गई तमाम निविदाओं की विभागीय टीम गठित कर जांच कराई जाए व दोषी पाए जाने पर विभागीय नियमानुसार कार्रवाई की जाए। मोहम्मद उस्मान ने कहा कि उक्त कर्मचारी की एसीबी में भी शिकायत की जाएगी।
निविदा निकालने और शर्ते निर्धारित करने का कार्य क्रय समिति द्वारा किया जाता है। आॅपन टेंडर निकाले गए हैं, कोई टेंडर डाल सकता है।
- योगेश सुहालका, जिला लेखा प्रबंधक, एनएचएम, बूंदी
निविदाओं में नियम शर्ते बदलने को लेकर शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत की जांच कराई जा रही है । दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ ओपी सामर, सीएमएचओ बूंदी

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