राइट टू हेल्थ बिल का विरोध : वार्ता विफल आज परिवार सहित डॉक्टर सड़कों पर उतरेंगे

देशभर में आईएमए का आह्वान, आज प्राइवेट अस्पताल बंद रखें, बिल का विरोध करें

राइट टू हेल्थ बिल का विरोध : वार्ता विफल आज परिवार सहित डॉक्टर सड़कों पर उतरेंगे

इस बिल के विरोध में देशभर में निजी अस्पताल बंद रहेंगे। डॉक्टरों ने रविवार को जेएमए सभागार में सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ किए और बैठक कर आगे की रणनीति भी बनाई। 

जयपुर। राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर प्रदेशभर में डॉक्टरों का चल रहा आंदोलन सोमवार को देशव्यापी रूप ले सकता है। आईएमए के आह्वान पर देशभर के प्राइवेट अस्पतालों को बंद रखने का ऐलान किया गया है। वहीं सरकार रविवार को वार्ता को आगे आई। शासन सचिवालय में मुख्य सचिव उषा शर्मा की अध्यक्षता में अधिकारियों ने आंदोलित डॉक्टरों के दस चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की है, लेकिन बैठक में डॉक्टर केवल और केवल बिल को रद्द करने पर ही आंदोलन खत्म करने की बात को दोहरा कर आए हैं। वार्ता विफल हो गई। एकबारगी तो डॉक्टरों ने संशोधन की बात करने पर चंद मिनटों में ही वार्ता खत्म कर दी। बाद में फिर से उन्हें समझा-बुझाकर वार्ता की टेबल पर लाया गया, लेकिन डॉक्टर बिल में संशोधन नहीं, बल्कि इसे पूरी तरह से रद्द करने की मांग पर ही अडे रहे। प्रतिनिधिमंडल में डॉक्टरों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन डॉ. सुनील चुघ सहित अन्य शामिल थे। आंदोलन के मुख्य संयोजक डॉ. अशोक शारदा ने बताया कि हम सरकार से वार्ता करने के लिए नहीं गए। बल्कि उनसे बिल को वापस करने की मांग को लेकर गए थे। वे सीएम से वार्ता करना चाहते हैं, क्योंकि वे ही बिल को रद्द कर सकते हैं। सचिव प्राइवेट हॉस्पिटल एण्ड नर्सिंग होम सोसायटी डॉ. विजय कपूर ने बताया कि सोमवार को डॉक्टर्स की एक बड़ी रैली 11 बजे एसएमएस अस्पताल के जेएमए सभागार से निकाली जाएगी। रैली में निजी अस्पतालों के स्टाफ और डॉक्टरों के परिवार भी हिस्सा लेंगे। रैली जेएमए से महारानी कॉलेज, पांच बत्ती, अजमेरी गेट से अर्ल्बट हॉल तक जाएगी। यहां सभा होगी। इस बिल के विरोध में देशभर में निजी अस्पताल बंद रहेंगे। डॉक्टरों ने रविवार को जेएमए सभागार में सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ किए और बैठक कर आगे की रणनीति भी बनाई। 

मरीजों की जान सांसत में, 29 को सेवारत डॉक्टर नहीं आएंगे 
प्रदेशभर में प्राइवेट अस्पतालों के बंद रहने और सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में रेजीडेन्ट डॉक्टरों के बिल के विरोध में काम नहीं करने से मरीजों की जान सांसत में आ गई हैं। एसएमएस अस्पताल सहित प्रदेशभर में बड़े अस्पतालों की सेवाएं चरमराई हुई है। आॅपरेशन, ओपीडी, भर्ती मरीजों का इलाज रेंग-रेंग कर हो रहा है। वहीं 29 मार्च को प्रदेशभर के सेवारत डॉक्टरों ने प्रदेशभर में एक दिन हड़ताल पर रहने का ऐलान कर रखा है। ऐसा हुआ तो गांव-ढाणियों तक सेवाएं प्रभावित होंगी। 

गहलोत ने लिया डॉक्टर्स आंदोलन का फीडबैक रैली में कानून व्यवस्था बनाए रखने के दिए निर्देश 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ आंदोलन कर रहे डॉक्टर्स की प्रस्तावित रैली में कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने रविवार देर शाम डॉक्टर्स हड़ताल को लेकर उच्च स्तरीय बैठक ली। बैठक में चिकित्सा विभाग, पुलिस, प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने डॉक्टर्स हड़ताल का फीडबैक लिया और अफसरों को डॉक्टर्स से संवाद बनाए रखने के निर्देश दिए। बिल के बिंदुओं को लेकर डॉक्टर्स से विस्तृत चर्चा करने के निर्देश दिए। संभवत: सोमवार को फिर से डॉक्टरों को वार्ता के लिए बुलाया जा सकता है। 

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