नई ओपीडी में बायोवेस्ट के बीच हो रहा इलाज
एमबीएस की नई ओपीडी से चार दिन से नहीं उठा कचरा, बिल्डिंग में सफाई कर्मियों ने जगह-जगह गंदगी के बना दिए पॉइंट
एमबीएस की नई ओपीडी में पिछले चार दिनों से बायोवेस्ट और कचरा नहीं उठने से पर्ची काउंटर से लेकर वार्डो तक चहुंओर कचरे के ढेर नजर आ रहे है। अस्पताल प्रशासन की ओर से इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे मरीज के साथ परिजन भी संक्रमण फैलने से सहमे हुए है।
कोटा। संभाग के सबसे बड़े एमबीएस अस्पताल के हालात सुधरने का नाम नहीं नहीं ले रहे है। अस्पताल में पिछले चार दिनों से कचरे और बायोवेस्ट का निस्तारण नहीं होने से अस्पताल के वार्डो से लेकर गलियारों में चहुंओर कचरे के ढेर नजर आ रहे है। करोड़ की लागत से बनी नई ओपीडी बिल्डिंग में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। सफाई कर्मी कचरें को प्लास्टिक के बैग में संग्रह कर अस्पताल परिसर में इधर जमा कर रहे जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। अस्पताल के दवा काउंटर, पर्ची काउंटर से लेकर हर और कचरा ही कचरा दिखाई दे रहा है। कचरे के बीच मरीजों का इलाज किया जा रहा है। फर्स्ट फ्लोर से लेकर थर्ड फ्लोर तक कचरे के ढेर लगे हुए है। सफाई ठेकेदार द्वारा नियमित सफाई नहीं करने से कुछ दिनों पूर्व में भी अधीक्षक जुर्माना लगा चुके उसके बावजूद सफाई व्यवस्था नहीं सुधारी उल्टे पिछले चार दिन से कचरे का निस्तारण नहीं होने से अस्पताल में कचरे जगह जगह ढेर लगे हुए है।
नई बिल्डिंग से भी नहीं उठा कचरा
एमबीएस की नई ओपीडी से 21 अप्रैल से ही बायोवेस्ट और कचरा नहीं उठने से पर्ची काउंटर से लेकर वार्डो तक चहुंचोर कचरे के ढेर लगे रहे। मरीजों के बैठने कुर्सियों पास तक दवाओं के कचरे के ढेर लगे रहे। जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है। अस्पताल प्रशासन की ओर से इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे मरीज के साथ परिजन भी संक्रमण फैलने से सहमे हुए है।
फर्स्ट फ्लोर पर लगा गंदगी का ढेर
मरीज विशाल वर्मा ने बताया कि एमबीएस की नई ओपीडी के फर्स्ट फ्लोर पर ही सभी विभागों की ओपीडी संचालित हो रही है। यहां मरीजों का सबसे ज्यादा आवगमन है, वहीं पर कचरे के ढेर लगे हुए। यहां लगी बैच के पास ही कचरे के ढेर लगा रखे है। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। सफाई कर्मियों ने यहीं पास में बने बने कमरे के बाहर कचरे के पॉइट बना कर प्लास्टिक बैग कचरा जमा कर रखा है। बदबू आ रही है। ओपीडी चहुओर गंदगी फैली है।
पार्किंग के गलियारे में फैली गंदगी
बूंदी से मरीज के साथ आए परिजन रामनारायण मीणा ने बताया कि संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद चहुंओर गंदगी फैली है। लोग यहां बेहतर इलाज के लिए आते है लेकिन यहां फैली गंदगी से लोगों इलाज की जगह संक्रमण मिल रहा है। करोडो रुपए खर्च ओपीडी तो बना दी लेकिन लच्चर सफाई व्यवस्था यहां की व्यवस्था की पोल खोल रही है। नई ओपीडी की पार्किंग के लिए बने गलियारे सामने कचरे लगा ढेर यहां की अव्यवस्था की पोल खोल रहा है।
वाटर कूलर के पास रखा बायोवेस्ट
नई ओपीडी बिल्डिंग में फर्स्ट फ्लोर पर मरीजों के पेयजल के लिए लगे वाटर कूलर के पास ही सफाई कर्मियों ने कचरे की थैलियां जमा कर रखी है। ऐसे में पानी पीने आए मरीजों को गंदगी से दोचार होना पड़ रहा है।
एमबीएस थर्ड फ्लोर बायोवेस्ट का लगा ढेर
एमबीएस अस्पताल नई बिडिंग के तीसरे माले पर सर्जिकल वार्ड है। यहां पर भी पिछले छह दिन से कचरा नहीं उठा रहा है। सफाई कर्मी कचरा संग्रह कर थैलियों के ढेर को वहीं परिसर में जमा कर रख रहे है जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।
इनका कहना है
नई ओपीडी में कचरे का निस्तारण क्यों नहीं हो रहा है। जिसकी जांच कराकर संबंधी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. संगीता सक्सेना, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज कोटा
सफाई कर्मी कचरा क्यों नहीं उठा रहे इसकी जांच कराकर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में ठेकेदार द्वारा कचरे का निस्तारण समय पर नहीं करने से उसके जुर्माना लगाया था। मंगलवार को सफाई कराकर संबंधी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. दिनेश वर्मा, अधीक्षक एमबीएस अस्पताल कोटा
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