पीएम तत्काल अध्यादेश वापस लें: केसीआर
समर्थन जुटाने के लिए केसीआर से मिले सीएम केजरीवाल
सीएम केसीआर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दिल्ली सरकार के अधिकारों के विरुद्ध लाए अध्यादेश को तुरंत वापस लेने की मांग की और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के पांच सदस्यीय संविधान बेंच के फैसले का आदर करें।
हैदराबाद। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरबिंद केजरीवाल विपक्ष के सभी दलों से समर्थन मांग रहे हैं। इसी सिलसिले में शनिवार को केजरीवाल तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव से मिलने पहुंचे। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद थे।
सीएम केसीआर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दिल्ली सरकार के अधिकारों के विरुद्ध लाए अध्यादेश को तुरंत वापस लेने की मांग की और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के पांच सदस्यीय संविधान बेंच के फैसले का आदर करें। सर्वोच्च न्यायालय के पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने पांच-शून्य से दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दे दिया है, लेकिन केन्द्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इसे निरस्त कर दिया है। हम केजरीवाल के साथ खड़े हैं और हम उनका समर्थन करते है।
सीएम केसीआर, केजरीवाल और भगवंत मान ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी माफी के सौदागर हैं। अपना अध्यादेश वापस ले लें। जिस प्रकार आपने कृषि कानून वापस लिया, उसी प्रकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को निरस्त करने के लिए लाए गए अध्यादेश को वापस ले लें। यह दिल्ली की जनता का अपमान है। दिल्ली सरकार को काम काज करने दीजिए। मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि देश में केन्द्र सरकार की अराजकता चरम पर है। लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारें अनेक बाधाओं के कारण काम करने में असमर्थ हैं। गैरभाजपा सरकारों को वे बहुत परेशान कर रहे हैं। केन्द्र की भाजपा सरकार आर्थिक प्रतिबंध लगाकर राज्य सरकारों को परेशान करती है। यह पूरा देश देख रहा है।
केसीआर ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों राष्ट्रीय दलों को हराकर भारी बहुमत से दिल्ली जीत लिया है। हाल में हुए नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला है। केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने मोहल्ला क्लिनिक, स्कूल और बेहतर बिजली सेवा देने जैसे कई शानदार काम किए हैं।
दिल्ली की जनता ने लगातार तीसरी बार आम आदमी पार्टी की सरकार को चुना है। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल इससे पहले नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मुलाकात कर समर्थन मांग चुके हैं। केजरीवाल ने कांग्रेस से अध्यादेश के विरोध में समर्थन देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और राहुल गांधी से ट्वीट कर मिलने का समय मांगा था। वहीं अभी तक कांग्रेस आलाकमान के द्वारा इस ट्वीट पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
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