जनता के बीच छवि खराब तो सर्वे रिपोर्ट से कटेगा मौजूदा मंत्री-विधायकों का टिकट

सर्वे में जिन विधायकों की रिपोर्ट खराब आई, उनको सचेत कर दिया गया है

जनता के बीच छवि खराब तो सर्वे रिपोर्ट से कटेगा मौजूदा मंत्री-विधायकों का टिकट

कांग्रेस हर बार चुनाव में टिकट देने के मापदंड तय करती है। पिछले चुनाव में भी दो बार से ज्यादा हारने वालों को टिकट नहीं देने का मापदंड बनाया था, लेकिन कुछ नेताओं को छूट भी दी गई थी।

ब्यूरो/नवज्योति,जयपुर। कांग्रेस सरकार रिपीट कराने के लिए इस बार अलग अलग सर्वे के माध्यम से हर विधानसभा सीट पर जिताऊ उम्मीद्वार की तलाश की जा रही है। मौजूदा मंत्री-विधायकों की सर्वे रिपोर्ट में जनता के बीच खराब छवि बनी रही तो उनका टिकट कटना तय है। कर्नाटक चुनाव के बाद दिल्ली आलाकमान यहां जीत के लिए सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से लगातार रिपोर्ट ले रहा है। जीत का फॉर्मूला तलाश रही कांग्रेस हर सीट पर कई राउंड सर्वे कराकर फीडबैक जुटा रही है। पहले दौर के सर्वे की रिपोर्ट सीएम अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी रंधावा और आलाकमान के पास है। इस सर्वे में जिन विधायकों की रिपोर्ट खराब आई, उनको सचेत कर दिया गया है। विधायकों को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दुबारा टिकट चाहिए तो जनता के बीच अपनी छवि सुधारें।

हर सीट के मुद्दें जानकर माइक्रो मैनेजमेंट किया जाएगा
कांग्रेस जीत के लिए हर विधानसभा सीट पर अपनी मजबूती और कमजोरी से जुडेÞ मुद्दों को सूचीबद्ध कर रही है। प्रदेश प्रभारी और सहप्रभारियों की फीडबैक रिपोर्ट का भी स्क्रीनिंग कमेटी के सामने मुद्दों से मिलान होगा। चूंकि इस बार गहलोत सरकार की योजनाओं के दम पर ही चुनाव लडेÞ जाएंगे, इसलिए टिकट दावेदार विधायक या उम्मीद्वार सरकार की लोकलुभावन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रचार नहीं कर पाए तो टिकट दावेदारी कमजोर मानी जाएगी।

हर बार बनता है टिकट देने का मापदंड
कांग्रेस हर बार चुनाव में टिकट देने के मापदंड तय करती है। पिछले चुनाव में भी दो बार से ज्यादा हारने वालों को टिकट नहीं देने का मापदंड बनाया था, लेकिन कुछ नेताओं को छूट भी दी गई थी। मनाही के बावजूद पैराशूट नेताओं की एंट्री हुई थी। इस बार प्रोफेशन एजेंसी की मदद से पुराने अनुभवों को शामिल करने के बाद नफा नुकसान देखते हुए निर्णय लिए जाएंगे।  

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