मोदी कैबिनेट ने आदर्श किरायेदारी अधिनियम को दी मंजूरी, किराया व्यवस्था को संस्थागत रूप देने में होगी मदद

मोदी कैबिनेट ने आदर्श किरायेदारी अधिनियम को दी मंजूरी, किराया व्यवस्था को संस्थागत रूप देने में होगी मदद

केंद्र सरकार ने बुधवार को नए किरायेदारी अधिनियम को मंजूरी दे दी, ताकि राज्यों के मौजूदा मकान किरायेदारी संबंधित कानूनों में उचित बदलाव किए जा सके।केंद्र के इस आदर्श अधिनियम से देशभर में किराये के लिए आवास के बारे में कानूनी ढांचे को परिवर्तित करने में मदद मिलेगी और इस क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास हो सकेगा।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को नए किरायेदारी अधिनियम को मंजूरी दे दी, ताकि राज्यों के मौजूदा मकान किरायेदारी संबंधित कानूनों में उचित बदलाव किए जा सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। केंद्र के इस आदर्श अधिनियम से देश भर में किराये के लिए आवास के बारे में कानूनी ढांचे को परिवर्तित करने में मदद मिलेगी और इस क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास हो सकेगा। आदर्श किरायेदारी अधिनियम का मकसद देश में एक विविधतापूर्ण, टिकाऊ और समावेशी रेंटल हाउसिंग मार्केट' बनाना है। इससे हर आय वर्ग के लोगों के लिए पर्याप्त संख्या में किराये के लिए आवास के निर्माण के मार्ग को प्रशस्त होगा, जिससे बेघरों की समस्या का समाधान होगा। मॉडल किरायेदारी अधिनियम से आवासीय किराया व्यवस्था को संस्थागत रूप देने में मदद मिलेगी।

सतत् शहरी विकास के लिये जापान और मालदीव के साथ सहयोग को मंजूरी
केंद्र सरकार ने सतत् शहरी विकास के क्षेत्र में जापान और मालदीव के साथ सहयोग के लिए दो अलग-अलग समझौता ज्ञापनों को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के दो अलग-अलग प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। मालदीव के साथ समझौता ज्ञापन के अनुसार शहरी विकास सहयोग पर कार्यक्रमों की रणनीति बनाने और उन्हें लागू करने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह का गठन किया जाएगा। संयुक्त कार्य समूह की बैठक वर्ष में एक बार बारी-बारी से मालदीव और भारत में होगी। समझौता ज्ञापन दोनों देशों के बीच सतत शहरी विकास के क्षेत्र में मजबूत, गहन और दीर्घकालिक द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगा।

जापान के साथ किए समझौते के अनुसार आपसी सहयोग पर कार्यक्रमों की रणनीति बनाने और उन्हें लागू करने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह का गठन किया जाएगा। संयुक्त कार्य समूह की वर्ष में एक बार बैठक होगी। यह बैठक बारी-बारी से जापान और भारत में होगी। यह समझौता हस्ताक्षर की तारीख से प्रभावी होगा और 5 साल की अवधि के लिए जारी रहेगा। इसके बाद इसे एक बार में लगातार पांच वर्षों की अवधि के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है। यह समझौता दोनों देशों के बीच सतत् शहरी विकास के क्षेत्र में मजबूत, गहन और दीर्घकालिक द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगा। इससे शहरी नियोजन, स्मार्ट शहरों के विकास, किफायती आवास, किराये के आवास, शहरी बाढ़ प्रबंधन, सीवरेज और अपशिष्ट जल प्रबंधन, शहरी परिवहन सहित सतत शहरी विकास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।

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