श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर छोटीकाशी जयपुर बना वृंदावन
907 किलो पंचामृत से होगा अभिषेक
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को गीताकार भगवान कृष्ण का अवतरण आज जन्माष्टमी के रूप में मनाया जा रहा है। आराध्य देव गोविंद मंदिर में रात्रि 12 बजे बाल स्वरूप कान्हा जन्म लेंगे।
जयपुर। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को गीताकार भगवान कृष्ण का अवतरण आज जन्माष्टमी के रूप में मनाया जा रहा है। आराध्य देव गोविंद मंदिर में रात्रि 12 बजे बाल स्वरूप कान्हा जन्म लेिया। बच्चे को बाल गोपाल बनाकर ठाकुर जी के मंदिरों में लाया गया। 31 हवाई तोपों की गर्जनाओं के बीच लल्ला के जन्म पर आकाश से भगवान शिव, इन्द्र देवता सहित सभी देवता, अप्सराएं पुष्प कर दर्शन करेंगी।
पूरे मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। बुधवार को अष्टप्रहर हरि नाम संकीर्तन प्रारंभ हो गया। मंदिर के मुख्य द्वार एवं निकास कुआं द्वार पर शहनाई वादन हो रहा है | सुबह मंगला झांकी से ही दर्शनार्थियों की दर्शन व्यवस्था चल रही है | तीन लाइनों की व्यवस्था की गई है।
907 किलो पंचामृत से होगा अभिषेक
रात्रि 10 से 11 बजे तक गोविंद मिश्र कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ करेंगे। रात्रि 12 बजे 31 तोपों की सलामी और विशेष आतिशबाजी होगी।
रात्रि 12 बजे गोविंद अभिषेक दर्शन खुलेंगे। इस दौरान 6 पंडित वेद पाठ करेंगे। शालिग्राम पूजन एवं पांच द्रव्यों के पूजन बाद ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक होगा। देसी नस्ल की गाय के गोबर और गोमूत्र से अभिषेक के बाद 25 जड़ी-बूटियों से तैयार सर्वोषधि से अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद केसर मिश्रित जल से सहस्त्रधारा की जाएगी।
अभिषेक में 425 लीटर दूध, 365 किलो दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा, 11 किलो शहद का उपयोग होगा।
विशेष भोग में पंजीरी लड्डू, खिरसा एवं रबड़ी कुल्लड़ अर्पित होगा। अभिषेक के बाद सभी भक्तों को निशुल्क पंचामृत एवं पंजीरी वितरण जय निवास बाग में बने प्रसादी मंच से किया जाएगा।
ठाकुर जी धारण करेंगे हाथ से तैयार पोशाक
ठाकुर श्रीजी का 7 सितंबर को मंगला झांकी पूर्व पंचामृत अभिषेक किया जाएगा।
ठाकुर श्री जी को नवीन रेशमी पीताबंरी पोशाक धारण कराई जाएगी। इसे तैयार करने में एक माह का समय लगा है। पोशाक मंदिर के दो दर्जी हाथ से ही तैयार करते हैं, इसमें मशीन का उपयोग नहीं होता। राजस्थानी जरी-गोटा से पोशाक को शाही स्वरूप दिया गया है। विशेष अलंकार धारण कराकर ठाकुर श्रीजी को विशेष फूलों का श्रृंगार किया जाएगा। गोविंद देवजी मंदिर के अधीन तेरह अन्य मंदिरों के विग्रहों के लिए भी नई पोशाक तैयार करवाई गई है।
जन्माष्टमी में लगभग 3000 कार्यकर्ता सुबह मंगला झांकी से अभिषेक समाप्त होने तक निरंतर अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं । इसके साथ करीब 150 स्काउट भी इस व्यवस्था में तैनात हैं| दर्शनार्थियों को सुगमता से दर्शन हो सके इसके लिए लगभग 13 एलईडी की व्यवस्था की गई है। पुलिस प्रशासन की ओर से दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए 10 मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। इसमें से होते हुए दर्शनार्थी मंदिर में प्रवेश करेंगे। चिन्हित जगहों पर सीसीटीवी लगवाए गए हैं।
मातहत मंदिरों में भी रहेगी धूम
मंदिर श्री गोविंद देव जी के अधीन मंदिर श्री राधा माधव जी, नटवर जी, कुंज बिहारी जी, श्री गोपाल जी नागा, श्री गोपाल जी तालाब, श्री मुरली मनोहर जी, श्री गोपाल जी रोपाड़ा में जन्माष्टमी उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा।

Comment List