पतंजलि झूठा प्रोपेगेंडा नहीं कर रहा, स्वार्थी किस्म के लोग कर रहे दुष्प्रचार: बाबा रामदेव

'हमें फांसी की सजा भी दे तो हमें आपत्ति नहीं होगी'

पतंजलि झूठा प्रोपेगेंडा नहीं कर रहा, स्वार्थी किस्म के लोग कर रहे दुष्प्रचार: बाबा रामदेव

हरिद्वार। योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं और यदि हम झूठे विज्ञापन या प्रोपेगेंडा करें तो हम पर करोड़ों का जुर्माना लगायें या हमें फांसी की सजा भी दे तो हमें आपत्ति नहीं होगी। लेकिन हम झूठा प्रचार नहीं कर रहे है। योगायुर्वेद, नेचरोपैथी, पंचकर्म, षट्कर्म की सैकडों थैरेपी, उपवास व उपासना पद्धति के इंटीग्रेटिड ट्रीटमेंट से हमने लाखों लोगों को रोगमुक्त किया है। बीपी, शुगर, थायराइड, अस्थमा, आर्थराइटिस व मोटापा से लेकर लीवर, किडनी फेल्यिर व कैंसर जैसे प्राणघातक रोगों से हमने हजारों लोगों को मुक्त किया, इसका एक करोड़ से अधिक लोगों का डेटा बेस, रियल वर्ल्ड एविडेंस व क्लिनिकल एविडेंस हमारे पास है।

आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ विज्ञापन में भ्रामक दावे पब्लिश करने वाले विज्ञापनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की ओर से पतंजलि आयुर्वेद को चेतावनी  दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए रामदेव ने कहा कि वह कोर्ट के सामने सैकड़ों मरीजों की परेड कराने के लिए तैयार हैं, वह कोर्ट में अपनी सारी रिसर्च दिखाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मैडिकल सेक्टर के कुछ हठी, दुराग्रही व योगायुर्वेद व नेचरोपैथी का विरोध करने वाले तथाकथित कुंठित डॉक्टरों को बहुत बड़ी समस्या है, यह सत्य है कि सिंथेटिक दवाओं से रोगों को कन्ट्रोल तो कर सकते हैं, लेकिन क्योर नहीं कर सकते। मेडिकल फील्ड में नकली पेसमेकर लगाने वाले, किडनी चोरी करने वाले, गैर-जरूरी दवा व अंधाधुंध टैस्ट कराकर जो मेडिकल क्राइम कर रहे हैं, उनको हमने कई बार मेडिकल माफिया/ड्रग माफिया कहा था, इससे लडाई हुई है। मेडिकल साइंस में जो अच्छे डॉक्टर्स हैं तथा जो लाइफ सेविंग ड्रग्स, इमरजेंसी ट्रीटमेंट व जरुरी सर्जरी है हम उसका पहले भी सम्मान करते थे, आज भी सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा है कि दुनिया में बीपी, शुगर, थायराइड, अस्थमा, लिवर और किडनी फेल होना इन सबका कोई सॉल्यूशन नहीं है। लेकिन वह आज तीन तथ्यों के आधार पर ये बात कहना चाहते हैं कि उनके पास रोजाना सैकड़ों मरीज आते हैं, ओवरवेट मरीजों का मोटापा 8 से 10 दिनों में कम कर देते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों से कहा जा रहा है कि एक बार बीमार पड़ गए तो जीवन भर दवा खानी पड़ेगी, हम करते हैं कि दवा छोड़ दो, आप नेचुरल लाइफ जी सकते हो।

रामदेव ने कहा कि हम दरिद्र नहीं हैं, हमारे पास ऋषियों की ज्ञान की विरासत है लेकिन हमारी संख्या कम है। हम अकेले इंस्टीट्यूशन भी पूरी दुनिया के ड्रग माफियाओं से अकेले लड़ने को तैयार हैं। हम ये लड़ाई अंतिम निर्णय तक लड़ेंगे। उल्लेखनीय है कि जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने पतंजलि को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उनके उत्पादों को लेकर इसी तरह के भ्रामक विज्ञापनों का प्रसारण जारी रहेगा तो उन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को भविष्य में इस तरह के भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने से बचने की सलाह दी, अदालत ने कहा था कि पतंजलि को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह प्रेस में इस तरह के बयान देने से दूरी बनाकर रखें। 

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