भाजपा अब राजेश पायलट को बीच में ले आई, हमने गुर्जरों पर लाठीचार्ज तक नहीं होने दिया: गहलोत
पीएम मोदी के राजेश पायलट और सचिन पायलट का नाम लेकर कांग्रेस को घेरने के बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरू गुरुवार को जबाव दिया।
जयपुर। पीएम मोदी के राजेश पायलट और सचिन पायलट का नाम लेकर कांग्रेस को घेरने के बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरू गुरुवार को जबाव दिया।
पीसीसी में मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत ने कहा कि अब ये गुर्जर समाज को भड़काने स्वर्गीय राजेश पायलट को बीच में ले आए। बीजेपी राज में 72 गुर्जर फायरिंग में मारे गए थे। कांग्रेस में अंदर क्या हुआ उस पर भी बयान दे रहे हैं। गुर्जर समाज को भड़काने के लिए राजेश पायलट को लेकर आ गए। आरक्षण आंदोलन के दौरान सोहेला में गोलीकांड में किसान मारे गए। मेरे राज में गुर्जरों पर गोली तो छोड़िए लाठीचार्ज तक नहीं होने दिया।
गहलोत ने कहा— मोदी अभिनेता हैं, गुजरात में कहा मारवाड़ी की बात मत मानो। मैं जब गुजरात का प्रभारी था तो उन चुनावों में कहा कि राजस्थानी घूम रहा है, मैं कहां जाउंगा। अब अगर मैं कहूं कि अब वो गुजराती आ रहा हैं हम तो नहीं कह रहे कि भाईयो बहनो, गुजराती आकर घूम रहा है। मैं थां सूं दूर नहीं, मैं कहां जांउगा? मोदी भविष्यवक्ता हैं क्या? कह रहे हैं गहलोत चौथी बार सीएम नहीं बनेंगे। खुद पीएम फिर बनने की बात कर रहे हैं। चुनाव आयोग को दिखता नहीं कि क्या घोषणाएं हो रही हैं। गहलोत ने कहा कि लाल डायरी का षडंयत्र रचा गया। इस षडयंत्र की जांच होनी चाहिए। छत्तीसगढ़ सीएम के खिलाफ किस तरह षडयंत्र किया गया। उस एप मामले में बयान देने वाला अब बदल गया है।
गहलोत ने मोदी सरकार पर हॉर्स ट्रेडिंग करने और सरकारें गिराने के आरोप लगाते हुए कहा कि ये हमारी सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पाए तो ऐसे हथकंडा अपना रहे हैं और राजेश पायलट को ले आए। हमारे विधायक करप्ट होते तो सरकार बचाने 40 दिन होटलों में नहीं बैठते, पहली किश्त 10 करोड़ की मिल रही थी। भाजपा नेताओं के दिलों में आग लगी है, क्योंकि राजस्थान में सरकार नहीं गिरा पाए। ये चुनी हुई सरकारों को गिरा रहे हैं। हमें हाईकमान का सहयोग मिला। विधायकों का सहयोग मिला। विधायकों के बारे में कह रहे हैं कि करप्ट हैं, हमारे विधायक करप्ट होते तो 40 दिन होटलों में बैठे रहे, पहली किश्त 10 करोड़ की मिल रही थी, वे चले जाते। ईडी, सीबीआई, आईटी देश की प्रीमियर एजेंसी हैं, इनकी क्रेडिबिलिटी बनी रहनी चाहिए। आज नीरव मोदी, मेहुल चौकसी बाहर बैठे हैं, उनके आर्थिक अपराध नहीं दिख रहे। आईटी एजेंसी का उपयोग देश का राजस्व बढ़ाने के लिए होता है, लेकिन अब ईडी, आईटी का उपयोग देश मे सरकार गिराने और बनाने के लिए किया जा रहा है।
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