चुनावों में घट रही उम्मीदवारी : 2018 में चार जिलों में और 2023 में जयपुर-अलवर में ही 100 से अधिक उम्मीदवार
पिछले चुनाव में 189 और इस बार 183 महिलाएं ही चुनाव मैदान में उतरी
पंचायत से लेकर देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या में भी अब हर पांच साल में कमी नजर आ रही है।
जयपुर। पंचायत से लेकर देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या में भी अब हर पांच साल में कमी नजर आ रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में 100 से अधिक उम्मीदवारी वाले चार जिले अलवर, जयपुर, नगौर व सीकर थे, लेकिन 2023 के चुनाव में केवल जयपुर और अलवर ही ऐसा जिला है, जिनमें प्रत्याशियों की संख्या 100 से अधिक है। इसके अलावा अजमेर, बाड़मेर, बीकानेर, चित्तौडगढ़, चूरू, जोधपुर जैसे जिलों में अभी इस बार के चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या कम हुई है। इसके अलावा बांसवाड़ा, बारां, भीलवाड़ा, जैसलमेर और उदयपुर जिले में पिछले चुनावों की तुलना में प्रत्याशियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
419 उम्मीदवार इस बार कम मैदान में उतरे
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में 2294 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे, लेकिन 2023 के इस बार के विधानसभा चुनाव में 1875 प्रत्याशी ही मैदान में है। अर्थात पिछले साल की तुलना में इस बार 419 प्रत्याशी कम चुनाव मैदान में उतरे है। अजमेर जिले की 8 विधानसभा सीटों के लिए 2018 के चुनाव में जहां 94 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे, जबकि इस बार के चुनाव में जिले की आठ सीटों के लिए 88 प्रत्याशी ही मैदान में है। इसी तरह जयपुर जिले की 19 सीटों के लिए 2018 के चुनाव में 347 उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि इस बार के चुनाव में 199 प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में है। कोटा जिले की छह सीटों के लिए पिछले चुनाव में 62 प्रत्याशी मैदान में थे, जबकि इस चुनाव में 41 उम्मीदवार ही मैदान में उतरे है। उदयपुर जिले की आठ विधानसभा सीटों के लिए 2018 के चुनाव में 62 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे, जबकि इस बार संख्या बढ़कर 73 हो गई है। जोधपुर की दस सीटों के लिए इस बार 82 प्रत्याशी मैदान में है, जबकि पिछले 2018 के चुनाव में 99 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे।
चुनाव लड़ने वाली महिलाओं की संख्या में कमी
2023 के विधानसभा चुनाव में 1692 पुरूष और 183 महिला उम्मीदवार मैदान में है। भाजपा ने इस बार के विधानसभा चुनाव में कुल 20 और कांग्रेस ने 28 महिलाओं को टिकट दिया है। कांग्रेस ने नेताओं की तीन रिश्तेदार महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है। प्रदेश में 81 विधानसभा सीटें ऐसी है, जहां एक भी महिला प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ रही है। पिछले चुनाव 2018 में 189 महिला प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था, जिनमें से 24 ने जीत दर्ज की थी। चुनाव लड़ने वाली महिलाओं की संख्या में कमी आई है। इस बार के चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के अलावा 78 छोटी पार्टियां भी चुनाव मैदान में उतरी हैं, इनमें बसपा ने 185, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने 78, आम आदमी पार्टी ने 86, आजाद समाज पार्टी ने 46, भारत आदिवासी पार्टी ने 27, राइट टू रिकॉल पार्टी ने 27, इंडियन पीपुल्स ग्रीन पार्टी ने 21, जन नायक जनता पार्टी ने 20, बहुजन मुक्ति मोर्चा ने 18, भारतीय ट्राइबल पार्टी ने 18, माकपा ने 17 और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने 10 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं। शेष 66 पार्टियों ने एक से लेकर तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं।

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