फिर उठा खेल परिषद कर्मचारियों को पेंशन का मुद्दा, चार माह से नहीं मिल रहा है 150 कर्मचारियों को पेंशन लाभ
वित्त विभाग ने हाथ खड़े किए, परिषद के पास नहीं है बजट
राज्य सरकार की ओर से 2004 के बाद के कर्मचारियों को पेंशन लाभ की घोषणा के साथ ही राजस्थान खेल परिषद के कर्मचारियों को पेंशन का मुद्दा फिर उठ गया है।
जयपुर। राज्य सरकार की ओर से 2004 के बाद के कर्मचारियों को पेंशन लाभ की घोषणा के साथ ही राजस्थान खेल परिषद के कर्मचारियों को पेंशन का मुद्दा फिर उठ गया है। परिषद के 2004 से पूर्व के कर्मचारियों को भी चार माह से पेंशन नहीं मिल रही है। राज्य के वित्त और खेल विभाग ने भी अब परिषद को राय दी है कि कर्मचारियों को पेंशन और अन्य लाभ के भुगतान के लिए अपनी निजी आय में वृद्धि करें। वित्त विभाग के संयुक्त शासन सचिव वृद्धिचंद बुनकर ने पिछले दिनों खेल विभाग को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियां अब सामान्य होने लगी हैं और खेल गतिविधियां नियमित रूप से आरंभ हो गई हैं। इसलिए विभाग निजी आय में वृद्धि कर पेंशन के मासिक भुगतान और भावी पेंशन दायित्वों के भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित करे। वित्त विभाग का यह पत्र खेल विभाग ने परिषद को भेज दिया है।
सरकार ने दी 6.70 करोड़ की राशि
साल की शुरुआत में राज्य सरकार की ओर से कर्मचारियों को पेंशन भुगतान के लिए खेल परिषद को 6.70 करोड़ रुपए जारी किए गए लेकिन उनसे दिसम्बर माह तक की पेंशन और सेवानिवृत हुए कर्मचारियों के अन्य पेंशन लाभों का भुगतान ही संभव हो सका।
डेढ़ सौ कर्मचारी ले रहे हैं पेंशन
राजस्थान खेल परिषद में कर्मचारियों को 1991 से पेंशन लाभ दिया जा रहा है। पुरानी पेंशन योजना के तहत करीब 150 कर्मचारी या उनका परिवार वर्तमान में पेंशन लाभ प्राप्त कर रहा है। पुरानी पेंशन योजना के तहत नियुक्त लगभग सभी कर्मचारी 2024 तक रिटायर हो जाएंगे।
राजस्थान खेल परिषद के निजी आय के स्रोत अत्यंत सीमित हैं और दो साल कोरोना महामारी के कारण खेल गतिविधियां पूरी तरह बन्द रहीं। परिषद बिना सरकार की मदद के कर्मचारियों को पेंशन और अन्य परिलाभ का भुगतान नहीं करने में सक्षम नहीं है। परिषद की ओर से पहले भी सरकार को यह बताया गया है और अब फिर पत्र लिखकर और मदद के लिए मांग करेंगे।
-राजूलाल, सचिव, खेल परिषद
ंकर्मचारियों को पिछले चार माह से पेंशन नहीं मिल रही है। हमारे कुछ साथी बीमार हैं और कई आर्थिक बदहाली में रह रहे हैं। पेंशन ही रिटायर कर्मचारी का एकमात्र सहारा है। हमने सरकार के हर स्तर पर अपनी आवाज पहुंचाई है। अब उम्मीद मुख्यमंत्री जी से है, जिन्होंने कर्मचारियों के हित में कई फैसले लिए हैं।
-गजेन्द्र सिंह, अध्यक्ष, कर्मचारी संघ
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