बदहाली : सांगोद की जीवनदायिनी गंगा हुई मैली

नगर की मां अन्नपूर्णा नदी का अस्तित्व प्रदूषण के कारण खतरे में : नदी में मरी हुई मछलियां व मवेशी पडेÞ हुए

बदहाली : सांगोद की जीवनदायिनी गंगा हुई मैली

यदि समय रहते उजाड़ नदी पर ध्यान नहीं दिया गया तो सांगोद नगर में दूषित पानी से महामारी फैलने की आशंका है।

सांगोद। सांगोद नगर की जीवनदायानी अन्नपूर्णा (उजाड़) नदी बहुत ही बुरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है। नदी बिल्कुल दलदल में तब्दील है, नदी में कचरे, गंदगी, पॉलिथीन, प्रदूषण फैला हुआ है।  प्रदूषण के कारण नदी में मरी हुई मछलियां और मरे हुए मवेशियों के अंबार लग गए हैं।

बीमारियों के बढ़ने का खतरा
उजाड़ नदी, जो कभी नगर की जान थी, आज दलदल में तब्दील होकर बदबू मार रही है। नदी में मरे हुए मवेशी मछलियों आदि को पक्षी नोच नोच कर खा रहे हैं। मरे हुए जीवों के कारण नदी का पानी दूषित हो चुका है। नदी का पानी दूषित होने से मछलियां मर रही हैं और महामारी के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

पालिका ईओ भी करवाया अवगत
नदी की इतनी स्थिति बिगड़ते देख, समाजसेवी असरार अहमद ने नगर पालिका अधिशासी अधिकारी रवि कुमार दाधीच को फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि कोटा रोड पुलिया के नीचे नदी का पानी धीरे-धीरे दलदल में बदल रहा है। पानी के दलदल में कई मवेशी गिरकर फंस जाते हैं, जिन्हें राहगीरों और नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा निकाला जाता है। कुछ दिनों पूर्व भी दूषित पानी से छोटी मछलियां मर गई थीं, जिससे पुलिया पर आने जाने वालों को भारी परेशानी हुई थी। अहमद ने बताया कि उन्होंने पहले भी नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को उजाड़ नदी की सफाई करवाने के लिए कहा था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते नदी की सफाई नहीं करवाई गई तो दूषित पानी से नगर में बीमारियां फैल सकती हैं।

पहले साफ व शुद्ध थी नदी
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले उजाड़ नदी का पानी कांच की तरह साफ दिखाई देता था, लेकिन अब यह काई के कारण हरा होकर बदबू मार रहा है। हजारों की संख्या में मछलियां दूषित पानी की वजह से मर चुकी हैं। साथ ही नदी में नाली-नालों का गंदा पानी मिलने से यह दूषित हो रही है। यदि समय रहते उजाड़ नदी पर ध्यान नहीं दिया गया तो सांगोद नगर में दूषित पानी से महामारी फैलने की आशंका है।

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नगर पालिका से अपील
नगर पालिका प्रशासन से अनुरोध है कि वे तुरंत सांगोद नगर की जीवन दायिनी उजाड़ नदी की सफाई करवाएं और नदी में नाली-नालों का गंदा पानी जाने पर रोक लगाएं। यह खबर सांगोद के लोगों के लिए चिंता का विषय है। उम्मीद है कि नगर पालिका इस ओर ध्यान देकर जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करेगी।
 
मेरा स्वयं का घर खाड़ा परिसर के ऊपर स्थित है, यही उजाड़ नदी का सबसे प्रमुख घाट है, प्रतिदिन जब देखा हूं कि कई बच्चे व श्रद्धालु मछलियों को आटा डालने आते है, लेकिन विगत 10 दिन से मन पसीज गया है, मछलियां मरकर ऊपर आ गई है, गंदगी बहुत ज्यादा है पालिका प्रशासन को तुरंत एक्शन लेना चाहिए।
- मनोज नाटाणी, सांगोद

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मेरा घर उजाड़ नदी के मुख्य पुलिया के पास ही है, मैं इसी पुलिया से मेरे खेत के लिए रोजाना जाता है। पुलिया से गुजरते समय असहनीय भयंकर दुर्गंध आती है, ऐसा लगता है जैसे पुलिया के नीचे कोई नदी नही है, कोई गंदा नाला हो।
- मुकेश गुर्जर, रेती पाड़ा, निवासी सांगोद

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10 दिन पहले एक गाय को बचाया
करीब 10 दिन पहले दलदल  भरी उजाड़ नदी में एक गए पानी पीने के चक्कर में उतर गई, लेकिन दलदल होने के कारण वह निकल नहीं पाई, जैसे ही लोगों की नजर उस पर पड़ी, उन्होंने रस्सियों से बांधकर उसे निकालने की काफी कश्मकश की काफी देर तक प्रयास करने के बाद गाय कभी ऊपर आ जाती और भारी वजन के कारण वापस नीचे चली जाती। फिर नगर पालिका कर्मचारियों की मदद से गाय को बाहर निकाला गया। इस कारण यह प्रदूषित नदी किसी भी हादसे को न्यौता दे सकती है।

ये की जाएगी नई पहलपालिका 
अध्यक्ष कविता गहलोत व कांग्रेस पार्षद प्रतिनिधि राजेंद्र गहलोत ने बताया कि शायद कोटा जिले में यह पहली पहल होगी। इसके तहत हम, प्रत्येक 7 या 8 दिन में हर मोहल्ले व वार्ड में एक गाड़ी भेजेंगे, जिसमें लोग अपनी पूजा अर्चना के बाद बची हुई पूजन सामग्री, मालाए, दीपक जो भी हैं इसमें डाल दें, ताकि उन्हें सुव्यवस्थित तरीके से एक उचित स्थान पर डाल दिया जाएगा और इससे नदी में प्रदूषण भी नहीं फैलेगा।

इनका कहना
गंदगी को लेकर मामला सामने आया है, सफाई तो करवा दी थी, लेकिन अत्यधिक मात्रा में पॉलिथीन डाले जाने के कारण नदी ठहराव के कारण प्रदूषित हो रही है। कर्मचारियों को अवगत करा कर सफाई करवा दी जाएगी।
- रवि दाधीच, पालिका ईओ

नगर पालिका द्वारा समय समय पर नदी की सफाई करवाई जाती है, लेकिन वापस से कचरा पॉलीथिन इकट्ठा हो जाती है। नगरवासियों और श्रृद्धालुओं से भी अपील है कि गणेश कुंज खाड़ा परिसर में भी नदी के तट पर लोग पूजन सामग्री, मालाएं, थैलिया डाल देते हैं। अपील है कि कचरा नियत स्थान पर डालें कचरे की गाड़ी हर मोहल्ले व वार्ड में जाती है।
-कविता गहलोत, चेयरमैन, नगर पालिका सांगोद

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