भाजपा में जातीय और क्षेत्रीय गणित के आधार पर की जिला प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति
सत्ता और संगठन को जमीनी सियासी फीडबैक देने का काम करेंगे प्रभारी मंत्री
आगामी दिनों में पांच विधानसभा उपचुनाव,पंचायती राज और निकाय के चुनाव होने है, लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद जिलों में मंत्रियों की तैनाती मुख्य है।
जयपुर। लोकसभा चुनावों में 11 सीटों पर हार के बाद सत्ता और संगठन अब मिलकर आगामी पंचायतीराज और निकाय चुनावों की रणनीति बनाने में जुटे है। साथ ही पांच विधानसभा सीटों पर होने आने उपचुनाव के मद्देनजर जिला प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति जातीय क्षेत्रीय गणित को ध्यान में रखते हुए की गई है।
राजस्थान में बजट सत्र से पहले सीएम भजनलाल शर्मा ने अपनी टीम के मंत्रियों को अलग-अलग जिलों का प्रभारी बनाया है। मंत्रियों को जिला प्रभारी बनाने के पीछे जातीय और क्षेत्रीय गणित को साधा गया है। इससे साफ है कि आगामी दिनों में पांच विधानसभा उपचुनाव, पंचायती राज और निकाय के चुनाव होने है, लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद जिलों में मंत्रियों की तैनाती मुख्य है।
मंत्री सत्ता और संगठन को जमीनी सियासी फीडबैक देने का काम करेंगे। लोकसभा चुनाव परिणाम बीजेपी के लिए राजस्थान में ठीक नहीं रहे लोकसभा चुनाव की रणनीति के मद्देनजर जमीनी फीडबैक पूरी तरह नेतृत्व तक नहीं पहुंच पाया था। हालांकि संगठन के स्तर पर हार के कारणों की रिपोर्ट भी आलाकमान को भेजी गई है। ऐसे में अब जल्द ही संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव नजर आएगा।

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