जलबोर्ड को लेकर जलदाय कर्मचारी करेंगे प्रदर्शन 

गजट नोटिफिकेशन जारी किया था

जलबोर्ड को लेकर जलदाय कर्मचारी करेंगे प्रदर्शन 

विभाग के कार्यों को राजस्थान वॉटर सप्लाई एवं सीवरेज कॉरपोरेशन को हस्तांतरित करने का गजट नोटिफिकेशन जारी किया था।

जयपुर। राज्य सरकार द्वारा बजट की घोषणा में जलदाय विभाग के कार्यों को राजस्थान वॉटर सप्लाई एवं सीवरेज कॉरपोरेशन को हस्तांतरित करने के विरोध में राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव के नेतृत्व में हजारों कर्मचारी 5 अगस्त 2024 को जल भवन जयपुर पर विरोध प्रदर्शन कर जलबोर्ड निरस्त करने की मांग करेंगे और जल निगम बनाने के गजट नोटिफिकेशन की प्रतिया जलाएंगे। यादव ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विभाग के कार्यों को राजस्थान वॉटर सप्लाई एवं सीवरेज कॉरपोरेशन को हस्तांतरित करने का गजट नोटिफिकेशन जारी किया था।

विभागीय संपत्तियों को आरडब्ल्यूएसएससी को हस्तानांतरण करने के साथ ही सभी जल योजनाओं को मय स्टाफ के चरणबद्ध रूप से जलबोर्ड में समायोजन करने की घोषणा की गई है जिसकी हम निंदा करते हैं। देश की आजादी के बाद से ही जलदाय विभाग राज्य सरकार के अधीन ही रहा है , जलदाय विभाग को आरडब्ल्यूएसएससी के अधीन किए जाने पर यह विभाग बोर्ड के रूप में हो जाएगा और राज्य सरकार का परोक्ष रूप से इस पर कोई नियंत्रण नहीं रहेगा राज्य की भौगोलिक, पर्यावरणीय एवं जल संस्थानों की विषम परिस्थितियों को देखते हुए उसे पर होने वाले वित्तीय, व्यय भार व संसाधन जुटाने की आवश्यकता के मध्य नजर सरकार को विभाग को अपने पास ही रखना चाहिए। वर्तमान में आम जनता को पीने के पानी की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा जब से विभाग बना है तब से बहुत ही कम दर पर उपलब्ध कराई जाती थी, बोर्ड बनाए जाने के बाद अनावश्यक रूप से पानी की दरें बढ़ाई जाएगी जिससे जनता में भी सरकार के प्रति रोष बढ़ेगा। 

संघ के प्रदेश प्रवक्ता बाबूलाल शर्मा ने बताया कि आरडब्ल्यूएसएससी के अधीन कार्यरत स्टाफ को किए जाने से उनकी सेवा ,सुरक्षा प्रभावित होगी बोर्ड के अधीन जाने से कर्मचारियों की वरिष्ठता , वेतन ,पेंशन आदि सहित कई विवाद उत्पन्न होंगे, वर्तमान में निगम आरएसआरटीसी, विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, हाउसिंग बोर्ड, आरटीडीसी आदि राज्य सरकार के अधीन कार्यरत है उनकी वित्तीय स्थिति तथा कार्य प्रणाली व सेवाओं की स्थिति अत्यंत दयनीय है ,आरडब्ल्यूएसएससी की हालत शायद इन सभी निगमो से भी दयनीय होगी। 

महामंत्री मोहनलाल शर्मा ने बताया कि  की आरडब्ल्यूएसएससी  में जाने के बाद कर्मचारियों को वेतन, पेंशन के भी लाले पड़ जाएंगे, इससे कर्मचारियों में भय का माहौल बना हुआ है। राज्य में पेयजल कार्यों को निगम में  दिये जाने का निर्णय राज्य के आम नागरिकों एवं विभागीय कर्मचारियों के हित में नहीं है यह कदम राज्य की लोक कल्याण नीति के खिलाफ होगा। इस संबंध में बोर्ड निरस्त करवाने की मांग को लेकर  मुख्यमंत्री महोदय, मुख्य सचिव महोदय ,जलदाय मंत्री, शासन सचिव को ज्ञापन देकर जल निगम आदेश निरस्त करवाने की मांग की गई थी ,परंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर संघ द्वारा आपात बैठक बुलाकर 5 अगस्त को दोपहर 12:00 बजे जल भवन जयपुर पर प्रदेश भर से हजारों कर्मचारी जल भवन पर पहुंचेंगे और विरोध प्रदर्शन कर आरडब्ल्यूएसएससी के आदेश को निरस्त करवाने की मांग करेंगे ,और जल निगम बनायें जाने के गजट नोटिफिकेशन आदेश की होली जलाएंगे ।

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