असर खबर का - लौट आया पुराना कानून, अब सभी को देना होगा शुल्क

राजस्थान कृषि उपज मंडी अधिनियम में किया संशोधन

असर खबर का -  लौट आया पुराना कानून, अब सभी को देना होगा शुल्क

कृषि मंडी यार्ड से बाहर कारोबार पर भी लगेगा शुल्क।

कोटा । सरकार ने राजस्थान कृषि उपज मंडी अधिनियम में फिर से संशोधन कर दिया। यानी अब वर्ष 2020 से पहले के नियम-कायदे वापस लागू होंगे। कृषि उपज मंडी यार्ड से बाहर दलहन-तिलहन जैसी जिंसों पर व्यापार करने पर भी मंडी शुल्क लगेगा। इससे मंडी के अंदर व बाहर व्यापार में समानता आएगी। बिना मंडी शुल्क दिए व्यापार करने पर दो-तीन गुना अधिक पेनल्टी लगाई जाएगी। इस अधिनियम से मंडी के बाहर भी कारोबार पारदर्शी होगा और इससे सीधा मंडी समितियों का राजस्व भी बढ़ेगा। राज्यपाल की अनुमति पर राजस्थान कृषि उपज मंडी (संशोधन) अधिनियम (2024 का अधिनियम संख्याक 4) लागू किया है। जिसके तहत मंडी यार्ड से बाहर भी दलहन, तिलहन सहित कृषि जिंसों सहित उपज की खरीद करने वाले व्यापारियों पर मंडी शुल्क लगेगा। अब यह देना होगा शुल्क: दरअसल, अभी कृषि उपज मंडी समितियों को मंडी यार्ड के अंदर होने वाले कारोबार से ही राजस्व मिल रहा था, लेकिन अब इन अधिनियमों में संशोधन के बाद मंडी के बाहर होने वाले गुड़-शक्कर, सब्जियां, लकड़ी, कपास, जीरा, दलहन-तिलहन जैसे छोटे-बड़े व्यापार पर भी मंडी टैक्स लगने से इसका राजस्व भी कृषि उपज मंडी समिति को मिलेगा। जिससे मंडी समिति व सरकार का राजस्व बढ़ेगा। कृषि विपणन निदेशालय के अनुसार गेहूं व अन्य जिंसों पर 1.60 फीसदी शुल्क लिया जाएगा। तेलीय फसलों सरसों, मंूगफली आदि पर 0.1 फीसदी और मक्का, ज्वार, बाजरा आदि मोटा अनाज पर 0.50 फीसदी शुल्क लगेगा।  

जानिए...कैसे होगी मॉनिटरिंग
राजस्थान कृषि उपज मंडी संशोधन अधिनियम के तहत मंडी के बाहर खरीद करने वाले व्यापारी को बिल कटवाना होगा। अगर किसी व्यापारी के राज्य से बाहर का भी माल आया तो मंडी एक्ट के 17-7 का आवेदन भरकर सूचना देगा। ऐसा नहीं करने पर अगर व्यापारी जांच में पकड़ा जाता है तो उसके दोगुनी या तीन गुनी पेनल्टी लगेगी। इसको लेकर संबंधित मंडी सचिव जांच करेंगे। वहीं, जीएसटी विभाग के साथ समय-समय पर होने वाली बैठकों में समन्वय से समीक्षा कर होने वाले व्यापार की व्यापक पड़ताल होगी।

सरकार को लग रही थी राजस्व की चपत
देश में जब तीन नए कृषि कानून लागू हुए थे तो इसमें एक कानून यह भी था। जिसके तहत मंडी क्षेत्र से बाहर पैन होल्डर व्यापारी माल खरीद सकता है और उसके लिए मंडी फीस भी नहीं लगेगी। इन कानूनों को तब भारत सरकार ने तो वापस ले लिया, लेकिन राज्य सरकार ने उस समय राजस्थान में लागू कर दिया। उस समय केंद्र से कानून हट गया था लेकिन राज्य में राज्यपाल ने इसे अनुमति नहीं दी। इसलिए यह कानून तब से पिछले दिनों तक लागू ही रहा। इसकी आड़ में राज्य के बाहर माल जा रहा था। राजस्थान में कृषि उपज मंडी प्रांगण की व्यवस्था किसानों को खुली नीलामी, नकद भुगतान, सही तौल की धारणा से की गई थी। इस कानून के चलते सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था।

नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मामला
संभाग की सबसे बड़ी भामाशाहमंडी के बाहर अवैध रूप से कृषि जिंसों की खरीद फरोख्त का कार्य धड़ल्ले से होने के सम्बंध में दैनिक नवज्योति के 12 जून के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था। जिसमें बताया था कि मडी के बाहर बिना लाइसेंस के व्यापारियों द्वारा कृषि जिंसों की खरीद करने के कारण मंडी में फसलों की आवक घट रहा है। किसानों को मंडी तक पहुंचने से पहले ही रास्ते में ही रोक कर उनकी फसल खरीद के सौदे हो रहे हैं। जिससे प्रतिदिन लाखों रुपए राजस्व का सरकार को नुकसान हो रहा है। 

Read More शहर के सरकारी कॉलेजों में प्रोफेशनल कोर्सेज का टूटा दम

अभी तक केवल मंडी परिसर में काम करने वाले व्यापारियों से ही मंडी शुल्क लिया जा रहा था। इससे मंडी के बाहर जिंसों की खरीद-फरोख्त ज्यादा होने लगी थी। इससे मंडी समिति को राजस्व का नुकसान हो रहा था। अब मंडी के बाहर कारोबार करने पर व्यापारियों को शुल्क देना होगा।
- शशिशेखर शर्मा, सचिव, भामाशाह कृषि उपजमंडी समिति

Read More सीजेडए की अनुमति के बावजूद अभी तक स्नेक पार्क में नहीं आए सर्प

Post Comment

Comment List

Latest News

दिल्ली में 27 साल से चुनाव हार रही भाजपा, अब मुख्यमंत्री आवास पर करना चाहती है कब्जा : संजय दिल्ली में 27 साल से चुनाव हार रही भाजपा, अब मुख्यमंत्री आवास पर करना चाहती है कब्जा : संजय
भाजपा दिल्ली में बार-बार चुनाव लड़ती है और हार जाती है। भाजपा दिल्ली में पिछले 27 साल से लगातार चुनाव...
हरियाणा में मोदी की गारंटी की जीत, जनता ने तीसरी बार बनाई भाजपा की सरकार : राठौड़
गहलोत सरकार के फैसलों की समीक्षा में उलझी कैबिनेट सब कमेटी, 40 प्रकरणों के रिव्यू का काम अभी बाकी
हरियाणा में भी नहीं कांग्रेस नेताओं का झूठ : दाधीच 
आईआईएस यूनिवर्सिटी में डांडिया उत्सव में छात्राओं ने किया सामूहिक नृत्य
सूखा दिवस मनाकर मौसमी बीमारियों से रखें बचाव : फौजदार
कश्मीर के मतदाताओं ने चुनाव में निभाया अपना कर्तव्य, अब हमारी जिम्मेदारी शुरू : उमर