तरंग शक्ति से गरज रहा भारत का आसमान

तरंग शक्ति से गरज रहा भारत का आसमान

भारत की निरंतर बढ़ती रक्षा क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर उजागर करने तथा विविध भागीदारी अंतरराष्ट्रीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने में अभ्यास के महत्व को रेखांकित करने के लिए इन दिनों जोधपुर में बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास तरंग शक्ति का आयोजन चल रहा है, जो भारत की रक्षा कूटनीति और सैन्य सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 12 सितंबर को तरंग शक्ति में वायुसेना के युद्धाभ्यास कार्यक्रम में शामिल हुए और जोधपुर स्थित वायुसेना स्टेशन पर शुरू होने वाली डिफेंस एक्सपो का भी उद्घाटन किया, जिसमें भारत में निर्मित हथियार, हेलीकॉप्टर सहित अन्य रक्षा सामग्री प्रदर्शित की गई थी। इस दौरान सभी मित्र देशों के एयर चीफ भी भारत पहुंचें।  सभी एयर चीफ एक-दूसरे देश के एयरक्राफ्ट उड़ाएं।

भारतीय वायुसेना की मेजबानी में जोधपुर में शुरू हुए सबसे बड़े बहुपक्षीय वायु अभ्यास तरंग शक्ति का दूसरा चरण 14 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारत के अलावा सात देशों के विमान एक साथ युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें अमेरिका, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर, ग्रीस और यूएई की वायुसेना टीम शामिल हैं। तरंग शक्ति वायु अभ्सास का उद्देश्य विभिन्न देशों की वायु सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता में सुधार करना, आधुनिक युद्ध में सामूहिक सुरक्षा और परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाना है। इस वॉर एक्सरसाइज में भारतीय वायुसेना और विदेशी विमान आसमान में अपना कौशल दिखाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। जोधपुर के आसमान में जब भारत की सूर्य किरण टीम ने 9 हॉक्स विमानों के जरिये जोधपुर के आसमान में तिरंगा बनाते हुए विलक्षण करतब दिखाए तो हर कोई दांतों तले उंगली दबाए उसे निहारता ही रह गया। तरंग शक्ति के दौरान 9 सितंबर को तो जोधपुर में भारत की तीनों सेनाओं ने उस समय इतिहास रच दिया, जब पहली बार जल, थल और वायु सेना के उप-प्रमुखों ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी। यह पहला अवसर था, जब आर्मी के वाइस चीफ  लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, एयरफोर्स के वाइस चीफ  एयर मार्शल एपी सिंह और नौसेना के वाइस चीफ  कृष्णा स्वामीनाथन ने तेजस में उड़ान भरी और भारत के तीनों वाइस चीफ  की ये उड़ान भारत के लिए रणनीतिक तौर पर अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। तरंग शक्ति में भारतीय वायुसेना के राफेल, सुखोई, मिराज, जगुआर और तेजस विमान पूरी दुनिया को अपना जलवा दिखा रहे हैं, वहीं अमेरिका के ए-10 थंडरबोल्ट, ग्रीक के एफ16 फाइटिंग फाल्कन,ऑस्ट्रेलिया के एफ ए-18 हॉरनेट,जापान के मित्सुबिशी एफ 2 सहित अन्य देशों की एफ 16 विमान के साथ आई टीमें साथ मिलकर एयर-टू-एयर तथा एयर-टू-ग्राउंड ऑपरेशन में अपनी-अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। तरंग शक्ति के पहले और दूसरे चरण में कुल 800 सैनिक शामिल हो रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया की रायल ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स ने भारतीय वायुसेना के तरंग शक्ति अभ्यास के दूसरे चरण में हिस्सा के लेने के लिए पहली बार अपने लड़ाकू विमानों को भारत भेजा है। 12 सितंबर से तरंग शक्ति में डिफेंस एक्सपो शुरू होगा,जिसमें स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस, लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड और लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ध्रुव शामिल है, साथ ही अन्य हथियारों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।

तरंग शक्ति का आयोजन पहले 2023 के अंत में करने की योजना थी, लेकिन कुछ कारणों से उसे उस समय टाल दिया गया था और अब आयोजित किए जा रहे इस बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास में स्वदेशी वायु रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसमें विशेष रूप से भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं को दर्शाया जा रहा है। इस वायु अभ्यास में भारतीय वायुसेना अपने हल्के लड़ाकू विमान, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर तथा हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर जैसे स्वदेशी प्लेटफार्मों का प्रदर्शन कर रही है। इस बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास का उद्देश्य इसमें हिस्सा लेने वाले सभी देशों की वायु सेनाओं के बीच अंतर-संचालनीयता को बढ़ावा देना, उन्हें सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और परिचालन समन्वय में सुधार करने में सक्षम बनाना है। तरंग शक्ति में उड़ान और जमीनी प्रशिक्षण के अलावा रक्षा प्रदर्शनियां तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं और वायु अभ्यास में हिस्सा ले रहे देशों के रक्षाकर्मी भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों का दौरा भी करेंगे।

तरंग शक्ति भारत में आयोजित हो रहा अभी तक का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय वायु अभ्यास है, जो अपने यथार्थवादी युद्ध परिदृश्यों और व्यापक अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के लिए जाने जाते रहे। करीब तीन महीने पहले 4 से 14 जून 2024 तक अलास्का में अयोजित हवाई अभ्यास रेड फ्लैग 2024 के दूसरे संस्करण में भारतीय वायुसेना ने भी हिस्सा लिया था। सिंगापुर तथा अमेरिकी विमानों के साथ भारतीय राफेल भी उस संयुक्त अभ्यास में शामिल हुआ था। इन आयोजित मिशनों में आक्रामक काउंटर एयर और एयर डिफेंस भूमिकाओं में लार्ज फोर्स एंगेजमेंट के एक भाग के रूप में बियॉन्ड विजुअल रेंज युद्ध अभ्यास शामिल थे। 

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(यह लेखक के अपने विचार हैं) 

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