मादक पदार्थ तस्करी का बड़ा मकड़जाल : नशा बढ़ने से बर्बाद हो रहा युवा, करोड़ों रुपयों कीमत की हो रही तस्करी

इससे युवा पीढ़ी नशे की आदी हो रही है

मादक पदार्थ तस्करी का बड़ा मकड़जाल : नशा बढ़ने से बर्बाद हो रहा युवा, करोड़ों रुपयों कीमत की हो रही तस्करी

प्रदेश में जिलों और पुलिस मुख्यालय की टीमें लगातार मादक पदार्थ तस्करों पर शिकंजा कस रही हैं। 

जयपुर। प्रदेश धीरे-धीरे मादक पदार्थ तस्करों का गढ़ बनता जा रहा है। तस्करों बड़ी संख्या में मादक पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं। ये पूरे मादक पदार्थ राजधानी समेत प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर युवाओं को नशे की लत का शिकार बना रहा है। इससे युवा पीढ़ी नशे की आदी हो रही है। प्रदेश में जिलों और पुलिस मुख्यालय की टीमें लगातार मादक पदार्थ तस्करों पर शिकंजा कस रही हैं। 

मादक पदार्थ की सप्लाई के लिए जा रही बड़ी-बड़ी नशे की खेप पकड़ी जा रही हैं। यदि बीते माह सितम्बर 2024 माह की बात की जाए तो 20 करोड़ रुपए कीमत की सिर्फ हेरोइन पकड़ी गई है। बताया जा रहा है कि नशा कई पार्टियों में भी दिया जाता है। यदि पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट के आंकडों की बात करें तो मादक पदार्थ तस्करी बढ़ी है। यह आंकडेÞ वह हैं जो पुलिस ने कार्रवाई की है बाकी जो मादक पदार्थ नहीं पकड़ा जा रहा है उसकी मात्रा भी अधिक है।

सितम्बर माह में टॉप-5 तस्करी के केस
- फलौदी के लोहावत में पुलिस ने दो सितम्बर को 469 किलोग्राम डोडापोस्त पकड़ा, जिसकी कीमत 70 लाख रुपए आंकी गई। 
- श्रीगंगानगर के केसरीसिंह पुर में पुलिस ने 17 सितम्बर 2024 को 2.61 किलोग्राम हेरोइन पकड़ी, इसकी कीमत 10 करोड़ रुपए थी। 
- श्रीगंगानगर के मटीलीराठान पुलिस ने 21 सितम्बर 2024 को पाक बार्डर के पास से दौलतपुरा रोही में 2.003 किलोग्राम हेरोइन पकड़ी, इसकी कीमत 10 करोड़ रुपए कीमत थी। 
- सलूम्बर के परसाद में पुलिस ने 14 सितम्बर को 757.24 किलो डोडा चूरा पकड़ा, इसकी कीमत 50 लाख रुपए है। 
- हनुमानगढ़ के संगरिया में दो सितम्बर 2024 को 196.82 ग्राम हेरोइन चिट्टा  पकड़ा गया, इसकी कीमत 3936400 रुपए थी। 

लत के लिए करने लगते हैं वारदात
नशे की लत एक बार लग जाए तो वह छूटे नहीं छूटती है। जब कोई युवा इसका आदी हो जाता है तो इसके लिए वह वारदात भी करने लग जाता है। पुलिस जब ऐसे नशाखोरों को पकड़कर लाती है तो वे थाने में बुरी तरह चीखते हैं और पुलिस के लिए भी मुसीबत बन जात हैं। अस्पताल और कॉलेज के बाहर भी ये तस्कर नशा बेचते हैं और थड़ी-ठेले वाले इसका सेवन करना शुरू कर देते हैं।

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सस्ता होने के कारण गांजा ज्यादा लेते हैं युवा
जानकारी के अनुसार मादक पदार्थ गांजा सबसे ज्यादा सस्ता मिलता है। इस कारण युवा इसका ही सबसे ज्यादा सेवन करते हैं। मादक पदार्थ चितौड़गढ़,  प्रतापगढ़, झालावाड़, नीमच एमपी में पैदा होता है। इसके बाद तस्कर पूरे पश्चिमी राजस्थान जोधपुर बाड़मेर, पाली और मारवाड़ इलाके में सप्लाई करते हैं। इनके अलावा एमडी ड्रग्स केमिकल से बनाया जाता है। युवा इसका भी अब सेवन कर रहे हैं। 

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पुलिस मादक पदार्थ तस्करी रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। युवा पीढ़ी के परिजनों और स्कूल-कॉलेज प्रशासन को लगातार निगरानी रखनी होगी। यदि कहीं मादक पदार्थ तस्करों के बारे में सूचना मिलती है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। 
- यूआर साहू, महानिदेशक पुलिस राजस्थान

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