धर्म परिवर्तन के खिलाफ अब तीसरी बार कानून बनाएगी प्रदेश सरकार
पारित भी कराया जाएगा
बिल पारित होने के बाद ऐसी गतिविधियों में शामिल संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन खारिज करने के साथ कड़ी कार्रवाई होगी।
जयपुर। राजस्थान भजनलाल शर्मा सरकार धर्म परिवर्तन के खिलाफ कठोर बनाएगी। इससे पहले राजस्थान की सरकारें दो बार कानून बना चुकी है, लेकिन दोनों कानून केन्द्र में अटक गए। अब यह सरकार तीसरी बार कानून बनाने जा रही है, जिसमें सजा के प्रावधान होंगे। संभवत: विधानसभा के अगले सत्र में इसे पेश कर चर्चा कराई जाएगी और पारित भी कराया जाएगा। प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों से धर्म परिवर्तन की शिकायतें आ रही है। इसको लेकर भजनलाल सरकार की मंशा है कि धर्म बदलवाने और उसमें सहयोग करने वालों पर जेल और भारी जुर्माना करने के लिए कानून बनाया जाए। इस मंशा के अनुसार कानून बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई। जल्द ही विधि विभाग धर्म परिवर्तन के खिलाफ बिल के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देगा। इससे पहले सरकार की ओर से उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के धर्म परिवर्तन से जुड़े कानूनों की स्टडी की जा रही है। बिल पारित होने के बाद ऐसी गतिविधियों में शामिल संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन खारिज करने के साथ कड़ी कार्रवाई होगी।
साल 2006 और 2008 में धर्म स्वातंर्त्य बिल दो बार पास हुआ था, लेकिन तब केंद्र की यूपीए सरकार से इसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी। सूत्रों के अनुसार नए कानून में धर्म स्वातंर्त्य विधेयक-2008 के कई प्रावधानों को भी शामिल किया जाएगा। 2008 के धर्म स्वातंर्त्य बिल में कलेक्टर की मंजूरी के बिना धर्म बदलने पर रोक थी।
दो बार हुए थे धर्मांतरण विरोधी बिल पारित
वसुंधरा राजे सरकार के समय दो बार धर्मांतरण विरोधी बिल पारित हुए थे। पहले अप्रैल 2006 में बिल पास हुआ तो राज्यपाल ने कुछ आपत्तियों के साथ सरकार को लौटा दिया। इसके बाद दूसरी बार मार्च 2008 में यह बिल विधानसभा से पास कर भेजा गया था। इस पर भारी विवाद के बाद राष्टÑपति की मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा गया, जब मंजूरी नहीं मिली तो 2008 में फिर से विधानसभा में पारित कर बिल केंद्र को भेजा गया। इस बिल पर केंद्र सरकार ने कई आपत्तियां लगाकर सरकार से जवाब मांगा था, 16 साल तक यह बिल केंद्र सरकार में अटका हुआ था। राज्य सरकार ने हाल ही इस बिल को केंद्र से वापस मंगवाया है।
धर्म परिवर्तन के खिलाफ नया कानून बनाने का विचार है। इस पर विभिन्न स्तरों पर चर्चा की जा रही है। दूसरे प्रदेशों के कानूनों का भी अध्ययन किया जाएगा।
- जोगाराम पटेल, विधि मंत्री राजस्थान
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