सर्दियों में ट्रेन संचालन के लिए रेलवे का विशेष अभियान, लोको पायलटों को दिए फॉग सेफ्टी डिवाइस
उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है
लोको पायलटों को कोहरे के समय ट्रेनों की गति 60 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे अथवा अपने अनुसार निम्नतम बनाए रखने के निर्देश दिए गए है। सिग्नलों की सूचना दर्शाने वाले बोर्डों को दुबारा पेंट किया जा रहा है।
जयपुर। उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से सर्दी के मौसम में संरक्षित रेल संचालित के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत रेल संचालन से जुड़े कर्मचारियों को विशेष निर्देश के साथ-साथ बाधा रहित ट्रेन संचालन में उपयोगी उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण के अनुसार सर्दियों के मौसम में कोहरे और रेल फैक्चर के कारण ट्रेन संचालन में नियमित अवरोध बना रहता है। इस कारण ट्रेनें कई घंटों तक लेट चलती है। उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से लोको पायलटों को इंजन में उपयोग के लिए फॉग सेफ्टी डिवाइस दिए जा रहे हैं। अभी तक चारों मंडलों को कुल 875 फॉग सेफ्टी डिवाइस दिए जा चुके हैं। लोको पायलटों को कोहरे के समय ट्रेनों की गति 60 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे अथवा अपने अनुसार निम्नतम बनाए रखने के निर्देश दिए गए है। सिग्नलों की सूचना दर्शाने वाले बोर्डों को दुबारा पेंट किया जा रहा है।
कोहरे के समय दृश्यता कम होने पर लोको पायलटों की सहायता के लिए विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट (वीटीओ) के उपयोग के निर्देश दिए गए हैं। इससे लोको पायलटों को स्टेशन पास होने की जानकारी मिलेगी। ट्रैकमैन की ओर से लोको पायलटों को रास्ते में सिग्नल होने की चेतावनी देने के लिए पटाखे का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि कम यात्रीभर अथवा कोहरे के कारण साधारणतया विलंब से चलने वाली ट्रेनों की समीक्षा की जा रही है, ताकि इन ट्रेनों को निश्चित अवधि के लिए रद्द कर ट्रेन के डिब्बों और स्टाफ को अन्य स्थानों पर उपयोग किया जा सके। दृश्यता कम होने पर लोको पायलटों को ट्रेन की गति अपने अनुसार 30 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे तक रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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