उपचुनाव : भाजपा के सभी बड़े नेताओं ले किया प्रचार, हर विधानसभा सीट पर गए भजनलाल शर्मा
चुनावी प्रचार में भाजपा ने आठ दिन में करीब तीन दर्जन चुनावी सभाएं की
भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन रैली से ही चुनावी प्रचार में जुट गई। सीएम भजनलाल शर्मा खुद सभी प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल कराने गए।
जयपुर। राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का चुनाव प्रचार थम गया है। भाजपा ने हर सीट पर जीत के लिए पूरी ताकत झोकी है। सीएम भजनलाल शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ हर सीट पर चुनावी सभाएं करने गए। सीटवार नेताओं से फीडबैक लेकर जीत की रणनीति बनाई। भाजपा ने चुनावी प्रचार में प्रदेश के सभी बड़े चेहरों को खपा दिया। चुनावी प्रचार में भाजपा ने आठ दिन में करीब तीन दर्जन चुनावी सभाएं की। भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन रैली से ही चुनावी प्रचार में जुट गई। सीएम भजनलाल शर्मा खुद सभी प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल कराने गए।
चुनावी मैदान में ये चेहरे उतरे
सीएम भजनलाल शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, डिप्टी सीएम दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा, सरकार के सभी मंत्री, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, सतीश पूनिया, अशोक परनामी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, राजेन्द्र गहलोत, पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी, राष्ट्रीय मंत्री अल्का गुर्जर, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, भाजपा के सभी प्रदेश पदाधिकारी, पूर्व लोकसभा सांसद, क्षेत्रीय बड़े नेताओं को चुनावी सभाओं, सम्मेलनों में भेजा।
जीत के लिए इस तरह रही भाजपा की चुनावी रणनीति
चेहरों से समीकरण साधे, विकास को मुद्दा बनाया
भाजपा ने प्रत्याशी चयन क्षेत्रीय जातिगत-सामाजिक समीकरणों के मुताबिक तय किए। ताकि भाजपा के कोर वोटर्स के साथ जाति विशेष के वोट लिए जा सकें। विकास को मुद्दा बनाया गया। सरकार के 11 माह के कामों का जमकर प्रचार हुआ। क्षेत्रवार हुए काम भी अलग से बताए गए।
बागियों को मनाकर भीतरद्यात को रोकने का प्रयास
भाजपा ने प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बागी होकर मैदान में उतरने को तैयार हुए नेताओं को मनाने से चुनावी रणनीति शुरू की। सलूम्बर में नरेन्द्र मीणा को हेलिकॉप्टर से जयपुर लाया गया। रामगढ़ में पूर्व प्रत्याशी जय आहूजा, झुंझुनूं में पूर्व प्रत्याशी बबलू चौधरी को मनाने दो-दो मंत्रियों को भेजा गया। देवली-उनियारा में पूर्व प्रत्याशी विजय बैंसला को सीएम ने मनाया। चौरासी में नए चेहरे को उतारा तो पुराने नेताओं सुशील कटारा, महेन्द्रजीत सिंह मालवीय को पक्ष में उतरकर प्रचार के लिए झोका गया।
मंत्रियों के साथ स्थानीय चेहरों का डेरा डलवाया
सरकार ने अपने मंत्रियों और भाजपा के स्थानीय चेहरों को क्षेत्रवार पूरी तरह से उपचुनाव में झोक दिया। क्योंकि वे वहां के समीकरणों को भली-भांति समझते हैं। उनके सुझाव के अनुरूप चुनावी प्रचार की रणनीति बनी।नाराज लोगों को मनाने, डैमेज कंट्रोल की कवायद हुई।
सीटवार जो चेहरे फायदेमंद, उन्हें प्रचार को भेजा
भाजपा ने हर सीट पर मजबूती के लिए सीटवार अलग रणनीति बनाई। सीट पर जातिगत-सामाजिक समीकरणों के आधार पर चेहरों को भेजा गया ताकि जाति-वर्ग विशेष के वोटों को साथ लाया जा सके। सामाजिक सम्मेलन, दीपावली स्रेह मिलन हुए। सामाजिक नेताओं से बैठकें हुई। प्रचार में साथ लाने का प्रयास हुआ।
कामों से तुलना कर विपक्ष पर हमलावर रहे
कांग्रेस की पिछली सरकार के पेपरलीक, अपराध, साइबर क्राइम, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर कांग्रेस को घेरा। सत्ता में आने पर पेपरलीक, अपराध को रोकने के किए कामों कोबताया। बेरोजगारों को सरकारी नौकरियों, निजी क्षेत्र में दिए जा रहे रोजगार को बताया।
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