लोकसभा में "प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक 2025" पेश, विपक्षी दलों ने जताया विरोध
प्रतिभूति बाजार विधेयक पर संसद में टकराव
लोकसभा में प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक 2025 पेश किया गया, जिस पर विपक्ष ने सेबी को अधिक अधिकार देने का आरोप लगाते हुए विरोध किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे स्थायी समिति में भेजने की वकालत की।
नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक 2025 पेश किया गया और इसे स्थायी समिति में भेजने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन के समक्ष प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक 2025 को पेश करने के लिए रखा जिसका विपक्षी दलों ने विरोध किया। इस दौरान श्रीमती सीतारमण ने कहा कि पेश करने के समय इसका विरोध करने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि इसे स्थायी समिति में भेजा जाना है जहां पर इस विधेयक पर विस्तृत चर्चा की जायेगी।
इससे पहले द्रमुक के अरुण नेहरु ने विधेयक को पेश करने का विरोध करते हुए कहा कि इसमें सारे अधिकार एक ही विनियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को दे दिया गया है जो संसद के अधिकार क्षेत्र को कम करता है। कांग्रेस के मनीष तिवारी ने भी इसका विरोध करते हुए कहा कि वह नियम 71 (1) के अंतर्गत विधेयक का विरोध करते हैं। यह सेबी को अधिक अधिकार दे रहा है। यह हमारे शक्ति के पृथक्करण का उल्लंघन करता है। यह अनुच्छेद 21 और 22 का भी उल्लंघन करता है। इसमें संसद के प्राधिकार कम कर दिये गये हैं। निजी निकायों की शक्तियां बढा दी गयी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसे वित्त संबंधी स्थायी समिति के पास भेजने का आग्रह करते हुए कहा कि पुर:स्थापना के समय इसका विरोध करने की कोई आवश्यकता नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष की ही मांग थी कि दो विधेयकों को समिति के पास भेजा जाये इसलिए इसे स्थायी समिति के पास भेजने की सिफारिश की गयी है।

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