पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने ट्रैक संरक्षा पर गहन निरीक्षण अभियान चलाया, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कामाख्या रेलवे स्टेशन और डिपो का किया औचक निरीक्षण
इलास्टिक रेल क्लिप्स के निचले भार के मापन पर विशेष ध्यान दिया गया
रेल संरक्षा और बुनियादी ढांचे की विश्वसनीयता बढ़ाने के दृढ़ प्रयास के तहत, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पू. सी. रेलवे) ने 29 मई से 10 दिवसीय व्यापक संरक्षा अभियान चलाया
गुवाहाटी। रेल संरक्षा और बुनियादी ढांचे की विश्वसनीयता बढ़ाने के दृढ़ प्रयास के तहत, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पू. सी. रेलवे) ने 29 मई से 10 दिवसीय व्यापक संरक्षा अभियान चलाया। यह अभियान पू. सी. रेलवे के विभिन्न मंडलों में प्वाइंट्स और क्रॉसिंग के निरीक्षण पर केंद्रित था। महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव ने अन्य वरिष्ठ रेल अधिकारियों के साथ फील्ड निरीक्षण में सक्रिय रूप से भाग लिया, ताकि ट्रैक संरक्षा और परिचालन उत्कृष्टता के प्रति जोन की शीर्ष-स्तरीय प्रतिबद्धता मजबूत हो।
इस अभियान में इंजीनयरी, सिग्नल एवं दूरसंचार विभागों के अधिकारियों ने संयुक्त भागीदारी निभाई। टीमों ने पहले के संरक्षा अभियानों और निरीक्षण निष्कर्षों के आधार पर यादृच्छिक रूप से चयनित प्वाइंट्स और क्रॉसिंग का निरीक्षण किया। इन कार्यों का उद्देश्य प्राथमिकता के आधार पर किसी भी कमी या अनियमितता की पहचान कर उसे ठीक करना था, ताकि महत्वपूर्ण ट्रैक बुनियादी संरचना के समग्र हालात को मजबूत किया जा सके। निरीक्षण के एक प्रमुख पहलू में इलास्टिक रेल क्लिप (ईआरसी) फिटिंग के निचले भार का मापन भी शामिल था। ट्रैक ज्यामिति को बनाए रखने, रेल की आवाजाही के जोखिम को कम करने और बेपटरी होने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए निचले भार की निगरानी महत्वपूर्ण है।
संरक्षा अभियान के मद्देनजर पू. सी. रेलवे के महाप्रबंधक ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कामाख्या रेलवे स्टेशन और डिपो का औचक निरीक्षण किया। इस दौरे के दौरान उन्होंने प्वाइंट्स और क्रॉसिंग स्थिति की बारीकी से जांच की, जिसमें इलास्टिक रेल क्लिप्स के निचले भार के मापन पर विशेष ध्यान दिया गया। मानसून के मौसम में ट्रैक घटकों के असुरक्षित होने की आशंका प्रबल हो जाती है। इस पर उन्होंने सभी फील्ड कर्मियों और अधिकारियों से विशेष अनुरक्षण कार्यों को अपनाने और निर्बाध एवं सुरक्षित ट्रेन परिचालन सुनिश्चित करने के लिए सतर्क रहने का आह्वान किया।
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