ब्लूबर्ड-6 सफलता की कहानी में भारतीय मूल के दो लोगों का खास योगदान, इसरो का चौकाने वाला खुलासा

अमेरिकी उपग्रह 'ब्लूबर्ड 6' के पीछे भारतीय दिमाग

ब्लूबर्ड-6 सफलता की कहानी में भारतीय मूल के दो लोगों का खास योगदान, इसरो का चौकाने वाला खुलासा

इसरो (ISRO) ने बुधवार को अपने शक्तिशाली रॉकेट LVM3-M6 के जरिए अमेरिकी कंपनी AST SpaceMobile के उपग्रह ब्लूबर्ड 6 को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित किया।

चेन्नई। इसरो ने भारतीय रॉकेट एलवीएम 3 की मदद से बुधवार को  जिस उपग्रह ब्लूबर्ड 6 को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया है,  उसकी निर्माता अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल में भारतीय मूल के दो लोग बड़े ओहदे पर काम कर रहे हैं। ये हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के शांति गुप्ता जो इस कंपनी में मुख्य परिचालन अधिकारी के पद पर हैं और दूसरे हैं आईआईटी मद्रास के छात्र रहे श्रीराम जयसिम्हा जो कंपनी के वाणिज्यिक अनुप्रयोगों के मुख्य वैज्ञानिक के पद पर हैं। 

गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बैचलर ऑफ कॉमर्स (ऑनर्स) के छात्र रहे थे और बाद में उन्होंने  इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया से चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स भी किया। वह अमेरिका में एक लाइसेंस प्राप्त 'सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट' भी हैं।

एएसटी स्पेसमोबाइल के सीओओ के रूप में गुप्ता आपूर्ति श्रृंखला, योजना, लागत प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन संचालन सहित कंपनी के वैश्विक कार्यों की देखरेख करते हैं। वे कंपनी के परिचालन को विस्तार देने के लिए रणनीतियों को विकसित और कार्यान्वित करने के लिए जिम्मेदार हैं। 

एएसटी स्पेसमोबाइल के अनुसार गुप्ता के पास विकास रणनीतियों को लागू करने, संचालन के विस्तार, व्यावसायिक परिवर्तन, वित्त और लेखा, जोखिम प्रबंधन और उच्च प्रदर्शन करने वाली टीमों के निर्माण का 25 वर्षों का वैश्विक अनुभव है। वे सितंबर 2021 में मुख्य लेखा अधिकारी के रूप में कंपनी में शामिल हुए थे। एएसटी स्पेसमोबाइल से जुडऩे से पहले गुप्ता 2014 से न्यूयॉर्क में अन्सर्ट एंड यंग के साथ बतौर पार्टनर कार्यरत थे।

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दूसरी ओर, श्रीराम ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियङ्क्षरग में बी.टेक और और रेंसलेयर पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट, यूएसए से एम.एस. की डिग्री प्राप्त की है। उनके पास वैश्विक दूरसंचार बाजारों के लिए आईपी निर्माण और उत्पाद डिजाइन का 30 वर्षों का सफल ट्रैक रिकॉर्ड है। एएसटी स्पेसमोबाइल के अनुसार, श्रीराम ने डिजिटल सिग्नल प्रोसेङ्क्षसग अनुप्रयोगों (जैसे मोबिलिटी, उपग्रह संचार, मोडेम और वीएलएसआई) के क्षेत्र में 42 शोध पत्र और सम्मेलन प्रकाशन लिखे हैं। वे 21 अमेरिकी और यूरोपीय पेटेंटों के नामित आविष्कारक हैं और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सेंटर ऑफ एडवांस्ड इंजीनियरिंग स्टडी के फेलो रहे हैं।

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