जुरेल को मिल सकता है प्लेइंग-11 में मौका, रवि शास्त्री ने कहा- कीपिंग नहीं कर सकते तो बतौर बैटर न खेलें पंत
पंत को लार्ड्स टेस्ट में लगी थी चोट
इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में रिषभ पन्त फिट नहीं होते हैं तो ध्रुव जुरेल को प्लेइंग इलेवन में मौका मिल सकता है
मैनचेस्टर। इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में रिषभ पन्त फिट नहीं होते हैं तो ध्रुव जुरेल को प्लेइंग इलेवन में मौका मिल सकता है। बेकेनहम के केंट काउंटी क्रिकेट ग्राउण्ड पर भारतीय टीम ने जमकर अभ्यास किया। इस दौरान जुरेल ने नेट्स पर अपने शाट्स से काफी प्रभावित किया। जुरेल के शॉट््स इतने ताकतवर थे कि गेंद सीधे प्लास्टिक की सीटों पर जाकर गिर रही थी। लॉन्ग आॅन से लेकर पेड़ों के बीच होते हुए ध्रुव जुरेल के लॉफ्टेड शॉट््स काऊ कॉर्नर तक पहुंच रहे थे।
एक बल्लेबाज के साथ बतौर विकेटकीपर भी जुरेल को कई एक्सपर्ट काफी बेहतरीन मानते हैं। पूर्व भारतीय विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने भी जुरेल की जमकर तारीफ की। कार्तिक के मुताबिक जुरेल के पास एक बेहतरीन तकनीक है और विकेट के पीछे उनका संतुलन भी लाजवाब है जिसका उदाहरण है ओली पोप का वह कैच जो उन्होंने लपका था।
पंत को लार्ड्स टेस्ट में लगी थी चोट
ऋषभ पंत को लॉर्ड्स टेस्ट में उंगली में चोट लगी थी जिसके बाद उन्होंने उस टेस्ट में विकेटकीपिंग नहीं की थी। अभ्यास सत्र में भी उन्होंने विकेटकीपिंग दस्ताने नहीं पहने। हालांकि बतौर बल्लेबाज उन्हें खिलाया जा सकता है। ऐसे में करुण नायर, नीतीश रेड्डी और वॉशिंगटन सुंदर में से किसी एक को बाहर बैठना पड़ सकता है। नायर ने भले ही इस सीरीज में मिली शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील नहीं किया है लेकिन उम्मीद है कि मैनेजमेंट उनपर अभी और भरोसा जताएगा। सुंदर भी अपनी जगह बरकरार रख सकते हैं। उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से ही प्रभावित किया है। ऐसे में रेड्डी को ही जुरेल के लिए रास्ता खाली करना पड़ सकता है।
रवि शास्त्री की सलाह
भारतीय टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि अगर ऋषभ पंत विकेटकीपिंग नहीं कर पाएं तो उन्हें मैनचेस्टर टेस्ट मैच में नहीं खेलना चाहिए। शास्त्री ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि अगर पंत विकेटकीपिंग नहीं कर सकते तो उन्हें विशेषज्ञ बल्लेबाज के तौर पर मैदान में उतरना चाहिए, क्योंकि उन्हें क्षेत्ररक्षण करना होगा, और अगर वह क्षेत्ररक्षण करते हैं, तो स्थिति और खराब हो जाएगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि दस्तानों के साथ कम से कम कुछ सुरक्षा तो मिलती है। बिना दस्तानों के अगर उन्हें कोई ऐसी चीज लग जाती है जो उन्हें चुभती है, तो यह बहुत अच्छा नहीं होगा। इससे चोट और बिगड़ जाएगी।

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