महाकुंभ में पहुंचा पाकिस्तानी श्रद्धालुओं का जत्था : मोदी सरकार ने सरलता से दिया वीजा, श्रद्धालुओं ने कहा- हमें अपने धर्म को गहराई से देखने जानने का मिला मौका
अप्रैल माह में 250 लोग पाकिस्तान से प्रयागराज आए थे
सिंध प्रांत के गोटकी से आये मुकेश ने बताया कि वह पहली बार भारत आये है और पहली बार कुंभ में आई है।
महाकुंभनगर। महाकुंभ की दिव्यता के बारे में सोशल मीडिया पर देख सुनकर पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लोग खुद को यहां आने से रोक ना सके और सिंध प्रांत से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का एक जत्था बृहस्पतिवार को यहां पहुंचा। सेक्टर नौ में स्थित श्रीगुरुकाष्र्णि के शिविर में से ङ्क्षसध प्रांत से आए गोङ्क्षबद राम माखीजा ने बताया, च्च्पिछले दो तीन महीनों में जब से हमने महाकुंभ के बारे में सुना है, हमारी बड़ी इच्छा थी यहां आने की। हम खुद को आने से रोक नहीं सके। उन्होंने बताया, पिछले वर्ष अप्रैल माह में 250 लोग पाकिस्तान से प्रयागराज आए थे और गंगा में डुबकी लगाई थी। इस बार ङ्क्षसध के छह जिलों-गोटकी, सक्कर, खैरपुर, शिकारपुर, कर्जकोट और जटाबाल से 68 लोग आए हैं जिनमें करीब 50 लोग पहली बार महाकुंभ में आए हैं। माखीजा ने कहा, यहां आनंद आ रहा है, बेहद खुशी हो रही है, यहां के अनुभव के बारे में कहने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। कल हम गंगा में डुबकी लगाएंगे। यहां आने पर हमें सनातन धर्म में जन्म लेने का गौरव की अनुभूति हो रही है।
सिंध प्रांत के गोटकी से आये मुकेश ने बताया कि वह पहली बार भारत आये है और पहली बार कुंभ में आई है। उन्होंने कहा, यहां पहली बार हमें अपने धर्म को गहराई से देखने जानने का मौका मिल रहा है। बहुत अच्छा लग रहा है।
सिंध से जत्था में पहुची करिश्मा ने कहा, मैं पहली बार भारत और इस महाकुंभ में आई हूं। यहां अपनी संस्कृति को देखकर बहुत दिव्य अनुभव हो रहा है। मैं गृहणी हूं और भारत आना मेरा सबसे बड़ा सौभाग्य है। हम पैदा ही वहां हुए और मुस्लिमों के बीच ही रहे। सिंध प्रांत में हिंदुओं के साथ बहुत भेदभाव नहीं हैं जैसा कि मीडिया दिखाती है। लेकिन अपनी संस्कृति को देखने का मौका हमें यहां देखने को मिल रहा है।
भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) कानून को लेकर अपने विचार प्रकट करते हुए सक्कर जिले से आए निरंजन चावला ने कहा, सिंध में ऐसा माहौल नहीं है कि लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करें। लेकिन राजस्थान (पाकिस्तान के हिस्से वाला) जैसे कुछ इलाकों में हिंदुओं के लिए थोड़ी मुश्किले हैं। अधिवक्ता चावला ने कहा, मैं भारत सरकार से निवेदन करना चाहूंगा कि वीजा जारी करने की प्रक्रिया थोड़ी आसान की जाए। अभी वीजा क्लियर होने में छह महीने लग जाते हैं। हालांकि यहां आए जत्थे को सरलता से वीजा दिया गया जिसके लिए हम भारत सरकार को धन्यवाद देते हैं। उन्होंने बताया, कल रात्रि में हम महाकुंभ के इस शिविर में आए और आठ फरवरी को यहां से रायपुर जाएंगे जिसके बाद हम हरिद्वार जाएंगे। हमारे जत्थे में लोग छह अस्थि कलश लेकर आए हैं जिन्हें वे हरिद्वार में विसर्जित करेंगे। उन्होंने कहा कि हरिद्वार मोक्ष का द्वार है इसलिए अस्थि को हरिद्वार में प्रवाहित करेंगे।
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