भारत में बच्चों का स्क्रीन टाइम सुरक्षित सीमा से अधिक, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी
इस उम्र में स्क्रीन समय बिल्कुल नहीं होना चाहिए
अध्ययन में बताया गया कि स्क्रीन टाइम में बढ़ोतरी होने से मोटापा, नींद और एकाग्रता संबंधी समस्याओं के जोखिमों में बढ़ोतरी हो रही है।
नई दिल्ली। भारत में बच्चों का स्क्रीन टाइम सुरक्षित सीमा से अधिक है। इसे लेकर प्रकाशित अध्ययन में और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है। उनके अनुसार अधिक समय स्क्रीन पर बिताने से बच्चों में हेल्थ और ग्रोथ संबंधी जोखिम उत्पन्न हो रहे है। एक अध्ययन के अनुसार 1 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए औसत स्क्रीन समय 1.2 घंटे है।
अध्ययन में बताया गया कि स्क्रीन टाइम में बढ़ोतरी होने से मोटापा, नींद और एकाग्रता संबंधी समस्याओं के जोखिमों में बढ़ोतरी हो रही है। विशेषज्ञों ने बताया कि ज्यादा स्क्रीन समय के नकारात्मक प्रभावों को कम करना आवश्यक है। इसके लिए घर में टेक-फ्री जोन बनाना, साफ और सुसंगत स्क्रीन समय सीमा निर्धारित करना और ऑफलाइन खेल और बातचीत करने की आवश्यकता है।
अध्ययन में बताया गया कि 0–5 साल के बच्चों पर एक मेटा‑विश्लेषण किया गया, जिसमें सामने आया कि बच्चे प्रतिदिन औसतन 2.22 घंटे स्क्रीन के सामने रहते हैं, जो सुरक्षित सीमा (1.2 घंटे) से दोगुना है। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में यह समय औसतन 1.23 घंटे था। चिकित्सकों के अनुसार इस उम्र में स्क्रीन समय बिल्कुल नहीं होना चाहिए।

Comment List