प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की अवधि पांच साल बढ़ी
गांव में ‘दीदी’ उड़ाएंगी ड्रोन
खेती- किसानी में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए मोदी कैबिनेट ने लखपति दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को अगले दो सालों में 15 हजार ड्रोन उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।
नई दिल्ली। खेती- किसानी में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए मोदी कैबिनेट ने लखपति दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को अगले दो सालों में 15 हजार ड्रोन उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। इस योजना के तहत महिलाएं ड्रोन के जरिए खेतों में पेस्टीसाइड का छिड़काव करवाएंगी, ताकि उनको भी आमदनी हो सके। साथ ही महिला पायलट को प्रति महीना 15 हजार रुपए वेतनमान भी दिया जाएगा, वहीं को-पायलट को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे, इसके मेंटेनेंस के लिए भी 5 हजार रुपए अलग से दिए जाएंगे। केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार की सहायता, ड्रोन की लागत का 80 फीसदी और सहायक उपकरण/सहायक शुल्क अधिकतम 8 लाख रुपए तक प्रदान किया जाएगा। इस योजना के जरिएए यह सुनिश्चित किया गया है महिलाएं खेती में प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की अवधि पांच साल बढ़ी
मोदी कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को पहली जनवरी 2024 से और पांच वर्ष के लिए बढ़ा दिया है। इस योजना के अंतर्गत देश में 81 करोड़ से अधिक गरीबों को पांच किलोग्राम अनाज निशुल्क दिया जाता है। अंत्योदय परिवारों को प्रतिमाह 35 किलोग्राम अनाज नि:शुल्क प्रदान उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना का उद्देश्य और पांच वर्ष तक 11 लाख 80 हजार करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है। निशुल्क अनाज उपलब्ध कराने से देश भर में एक राष्टÑ, एक राशन कार्ड के अंतर्गत पोर्टेबिलिटी का एक समान कार्यान्वयन सुनिश्चित होगा तथा विकल्प.आधारित यह प्लेटफॉर्म और मजबूत होगा।
आदिवासियों के लिए जन-मन योजना की शुरूआत
मोदी कैबिनेट ने पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान योजना को भी मंजूरी दे दी है। इस योजना से 28.16 लाख सामाजिक. आर्थिक रूप से पिछड़े आदिवासियों को फायदा होगा। नियमों में बदलाव कर इन योजनाओं का लाभ आदिवासियों तक पहुंचाया जाएगा। साथ ही वित्त आयोग के टर्म एंड रेफरेंस कमेटी के गठन को भी मंजूरी दी है। वित्त आयोग, संघ तथा राज्यों के बीच करों की शुद्ध आय के वितरण और राज्य में पंचायतों तथा नगरपालिकाओं के संसाधनों के पूरक के लिए समेकित कोष को बढ़ाने के लिए आवश्यक उपायों के बारे में सुझाव देगा। आयोग आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत गठित निधियों के संदर्भ में आपदा प्रबंधन पहल के वित्तपोषण पर वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा और उस पर उचित सिफारिशें कर सकता है।

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