मतदाता सूची से गायब 65 लाख लोगों के विवरण दें चुनाव आयोग : फिर हम देख पाएंगे क्या खुलासा हुआ, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आयोग अपना जवाब रिकॉर्ड पर रखें
जवाब दाखिल करें और भूषण को इसे देखने दें
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह विशेष पुनरीक्षण के दौरान बिहार मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख लोगों का विवरण तक दें।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह विशेष पुनरीक्षण के दौरान बिहार मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख लोगों का विवरण तक दें। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुयान और न्यायमूर्ति एनके सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण की गुहार पर यह निर्देश दिया। पीठ ने निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता से कहा कि शनिवार तक जवाब दाखिल करें और भूषण को इसे देखने दें। फिर हम देख पाएंगे कि क्या खुलासा हुआ है और क्या नहीं।
पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा अपनाई गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार हर राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को यह जानकारी दी जाएगी। इस पर चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि वह प्रस्तुत करेगा कि यह जानकारी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ जानकारी साझा की गई है। अदालत ने चुनाव आयोग से कहा कि वह अपना जवाब रिकॉर्ड पर रखें।
पीठ ने निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता से कहा- उन राजनीतिक दलों की सूची दीजिए जिन्हें यह जानकारी दी गई है। हम 12 अगस्त को मामले की सुनवाई करेंगे। तब तक अपना (निर्वाचन आयोग का) जवाब दाखिल करें। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता की ङ्क्षचताओं पर कहा, ''हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रभावित होने वाले प्रत्येक मतदाता को आवश्यक जानकारी मिले।
एडीआर ने अपने आवेदन में कहा कि 25 जुलाई को निर्वाचन आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जिसमें कहा गया था कि लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। भूषण ने पीठ के समक्ष गुहार लगाते हुए कहा, ''ड्राफ्ट मतदाता सूची में 65 लाख नामों के छूटने की बात कही गई है, लेकिन इन नामों की कोई सूची नहीं दी गई। इसमें 32 लाख लोगों के पलायन की बात कही गई, लेकिन कोई अन्य विवरण नहीं दिया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें (चुनाव आयोग) यह बताना चाहिए कि 65 लाख लोग कौन हैं? कौन पलायन कर गए हैं। कौन मर गए हैं? जाहिर है, बीएलओ ने उस व्यक्ति को हटाने या न हटाने की सिफ़ारिश की है। भूषण ने दलील दी थी कि चुनाव आयोग ने दो निर्वाचन क्षेत्रों सूची प्रकाशित की है। अन्य क्षेत्रों का क्या हुआ?

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