इंडिगो संकट ‘गंभीर’, लाखों यात्री हवाई अड्डों पर फंसे हैं, एससी ने कहा- सरकार ने संज्ञान ले लिया है और वह इस पर कार्रवाई कर रही है
सोमवार को भी 500 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल
उच्चतम न्यायालय ने इंडिगो एयरलाइंस द्वारा बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द/देरी से पैदा हुए देशव्यापी यात्री संकट पर चिंता जताई, लेकिन तत्काल सुनवाई से इनकार किया, यह कहते हुए कि केंद्र पहले ही कार्रवाई कर रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने जांच के आदेश, 15 दिन में रिपोर्ट और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। राज्यसभा में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ।
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने इंडिगो एयरलाइंस की ओर से बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द किए जाने और देरी के कारण देश भर में उत्पन्न यात्री संकट पर सोमवार को चिंता व्यक्त की, लेकिन इसमें तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की खंडपीठ ने कहा कि लाखों यात्री हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं और इस व्यवधान के कारण कई लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा होगा। न्यायालय ने यह देखते हुए तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया कि केंद्र सरकार ने पहले ही इस संकट का संज्ञान ले लिया है और वह इस पर कार्रवाई कर रही है।
संकट पर 15 दिन में आएगी रिपोर्ट : नायडू
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि हवाई यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं हो सकता। इंडिगो एयरलाइंस मामले में यात्रियों को जो परेशानी हो रही है। उसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। अगले 15 दिनों में इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा इंडिगो संकट पर सवालों का जवाब देते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सांसदों और आम नागरिकों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि सरकार इंडिगो के एकाधिकार पर नजर रखे हुए है। यह एकाधिकार समाप्त होना चाहिए। इससे पहले, प्रश्नकाल के दौरान राज्यसभा में इंडिगो एयरलाइंस की बदइंतजामी के कारण पैदा हुए संकट पर जोरदार हंगामा हुआ। विरोधस्वरुप विपक्षी दलों ने सदन से वॉक आउट भी किया। जिस पर मंत्री नायडू ने भरोसा दिलाया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है।

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