इजरायल ने हमास के युद्धविराम प्रस्ताव को ठुकराया, गाजा पर हमले जारी रखने का लिया संकल्प
कार्टज ने चेतावनी दी कि हमास जल्द ही समझ जाएगा कि उसे दो विकल्पों में से एक चुनना होगा
इजरायल ने गाजा में युद्ध समाप्त करने के लिए एक व्यापक युद्धविराम समझौते पर पहुँचने के हमास के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
गाजा। इजरायल ने गाजा में युद्ध समाप्त करने के लिए एक व्यापक युद्धविराम समझौते पर पहुँचने के हमास के प्रस्ताव को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि उसकी सेना गाजा सिटी पर एक बड़े हमले की तैयारी जारी रखेगी। हमास ने जारी एक प्रेस बयान में एक व्यापक समझौते पर पहुँचने की अपनी इच्छा दोहराई, जिसके तहत गाजा में इजरायली बंधकों को इजरायल में बंद फ़िलिस्तीनी कैदियों की एक निश्चित संख्या के बदले रिहा किया जाएगा।
हमास के अनुसार इस समझौते में स्थायी युद्धविराम, गाजा से इजरायली सेना की वापसी, मानवीय सहायता और आवश्यक आपूर्ति के लिए सीमा चौकियों को फिर से खोलना और पुनर्निर्माण प्रयासों की शुरुआत भी शामिल होगी। हमास ने गाजा के नागरिक मामलों के प्रबंधन की तत्काल जिम्मेदारी लेने के लिए टेक्नोक्रेटों से युक्त एक स्वतंत्र राष्ट्रीय प्रशासन की स्थापना का भी समर्थन किया। इसके जवाब में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस बयान को एक भ्रामक बताकर खारिज कर दिया।
उनके कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल युद्ध समाप्त करने के लिए तभी सहमत होगा, जब हमास गाजा पट्टी पर पूर्ण इजरायली सुरक्षा नियंत्रण, हमास और गाजा का विसैन्यीकरण, एक गैर-फ़िलिस्तीनी प्रशासन की स्थापना और सभी बंधकों की रिहाई को स्वीकार कर ले। इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल कार्टज ने भी हमास के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और कहा कि सेना गाजा शहर पर करने के लिए पूरी ताकत सेÞ तैयारी कर रही है।
कार्टज ने चेतावनी दी कि हमास जल्द ही समझ जाएगा कि उसे दो विकल्पों में से एक चुनना होगा : युद्ध समाप्त करने के लिए इजारायल की शर्तों को स्वीकार करना - सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण सभी बंधकों की रिहाई और निरस्त्रीकरण - या गाजा को राफ़ा और बेत हनून जैसी हालत देखना। पिछले महीने कतर की मध्यस्थता वाले प्रस्ताव को स्वीकार करने के बाद इजरायल ने न तो कोई प्रतिक्रिया दी और न ही इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया। पिछले हफ़्ते, नेतन्याहू ने कहा था कि इजरायल एक व्यापक समझौते पर विचार करेगा, लेकिन उन्होंने यह भी संकेत दिया कि इस तरह के समझौते को निकट भविष्य में अंतिम रूप नहीं दिया जा सकता। इजरायल के लगभग दो साल के आक्रमण ने फ़िलिस्तीनी क्षेत्र को बर्बाद कर दिया है और व्यापक अकाल का कारण बना है।

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