इजरायल ने मांगी भारत से माफी : नक्शे में कश्मीर को पाकिस्तान में दिखाया था, भारतीय यूजर्स की प्रतिक्रिया पर इसे बताया गैरइरादतन गलती
सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया
अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा दिखा दिया गया। इस पोस्ट के सामने आते ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया।
यरुशलम। ईरान के साथ युद्ध के बीच इजरायल को अपने दोस्त भारत से माफी मांगनी पड़ी है। दरअसल, इजरायली रक्षा बलों से एक बड़ी चूक हुई है, जब उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ईरान के खतरे को दिखाते हुए एक मानचित्र पेश किया। इजरायली सेना के आधिकारिक हैंडल से किए इस पोस्ट में भारत के जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा, जबकि अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा दिखा दिया गया। इस पोस्ट के सामने आते ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया।
भारतीय नागरिकों , खास तौर पर सोशल मीडया यूजर्स ने मानचित्र की इस गलती को पकड़ लिया और इसके लिए आईडीएफ को निशाने पर लेना शुरू किया। कुछ भारतीयों ने तो इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को टैग करते हुए मांग की है कि पोस्ट को हटा दिया जाए और सही मानचित्र के साथ फिर से पोस्ट किया जाए। एक यूजर ने पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए लिखा, सटीकता को भूल जाइए, यह सच्चाई से कहीं दूर है। इस खेदजनक नोट को पोस्ट करने के बजाय इसे बदला क्यों नहीं जाता? आपको भारत की भावनाओं और हमारे संबंधों को समझने की जरूरत है। देर आए, दुरुस्त आए। प्लीज इसे जल्द से जल्द बदलें।
एक्स पर बढ़ती आलोचना के बीच नई दिल्ली में इजरायली राजदूत रूवेन अजार सामने आए और एक पोस्ट में बताया कि यह एक गैरइरादतन गलती हुई है और इसे ठीक करने के लिए कहा गया है। भारी विरोध के बाद आखिरकार आईडीएफ ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए आईडीएफ ने लिखा, यह पोस्ट क्षेत्र का एक चित्रण है। यह मैप सीमाओं को सटीक रूप से दिखाने में विफल रहा है। हम किसी भी अपमान के लिए माफी मांगते हैं। इसके पहले गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात इजरायल के ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत ईरान पर किए गए हवाई हमले से मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया। इजरायली अधिकारियों ने इसे ईरान के खिलाफ देश का सबसे बड़ा सैन्य अभियान कहा। इजरायली लड़ाकू विमानों और ड्रोनों ने योजनाबद्ध तरीके से हमला किया, जिनमें से कुछ पहले ही तस्करी करके ईरान में पहुंचा दिए गए थे। इस हमले में ईरान के सैन्य ठिकानों और परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। आॅपरेशन में कई वरिष्ठ ईरानी सैन्य कमांडर और शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए।

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