तहव्वुर के प्रत्यर्पण का श्रेय लेने की मची है होड़ : क्या दाऊद को नहीं ला पाने का भी लेंगे जिम्मा, खेड़ा ने कहा- यह प्रत्यर्पण हमारी एजेंसियों के 15 वर्षों की मेहनत का परिणाम 

भारत की सुरक्षा का मामला हो, भारत के हितों की बात हो तो हम सरकार के साथ खड़े हैं

तहव्वुर के प्रत्यर्पण का श्रेय लेने की मची है होड़ : क्या दाऊद को नहीं ला पाने का भी लेंगे जिम्मा, खेड़ा ने कहा- यह प्रत्यर्पण हमारी एजेंसियों के 15 वर्षों की मेहनत का परिणाम 

तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का श्रेय लेने की होड़ में शामिल लोगों को यह भी बताना चाहिए कि दाऊद इब्राहिम तथा अन्य आतंकवादियों का प्रत्यर्पण नहीं हो पाने का जिम्मेदार कौन है।

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा कि तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का श्रेय लेने की होड़ में शामिल लोगों को यह भी बताना चाहिए कि दाऊद इब्राहिम तथा अन्य आतंकवादियों का प्रत्यर्पण नहीं हो पाने का जिम्मेदार कौन है। पार्टी ने कहा कि भले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार को तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का श्रेय दिया जा रहा है और श्रेय लेने की होड़ मची है, लेकिन सच यह है कि यह लंबी प्रक्रिया का हिस्सा है और इसकी शुरुआत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने शुरू ही नहीं की, बल्कि इसमें तेजी भी ला दी थी, लेकिन अब मोदी को इसका श्रेय देने वालों को यह भी बताना चाहिए कि दाऊद इब्राहिम, डेविड हेडली आदि का प्रत्यर्पण नहीं हो पाने की जिम्मेदारी किसे दी जानी चाहिए।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक बयान में कहा कि आज एक होड़ मची है कि किसी भी तरीके से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का श्रेय नरेन्द्र मोदी और केवल नरेन्द्र मोदी को मिले, जबकि सच यह है कि यह प्रत्यर्पण हमारी एजेंसियों के 15 वर्षों की मेहनत का परिणाम है। उन्होंने तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण की प्रक्रिया की कहानी बताते हुए कहा कि आइए समझते हैं। अक्टूबर 2009 में डेविड हेडली और तहव्वुर राणा डेनमार्क में आतंकवादी हमले की साजिश में पकड़े गए थे। खुलासा हुआ कि वे मुंबई के आतंकवादी हमले की साजिश में भी शामिल रहे हैं। फिर संप्रग सरकार ने उस पर कई धाराएं लगाकर उसे आतंकवादी गतिविधियों का आरोपी बनाया। अमेरिका ने उसे आतंकवादी हमले की साजिश से बरी कर दिया, तो कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने सार्वजनिक रूप से अमेरिका की इस कार्रवाई पर निराशा व्यक्ति की, लेकिन कूटनीतिक तथा कानूनी प्रयास जारी रखे। इसके बावजूद अमेरिकी सरकार उसको लेकर खुफिया जानकारी देती रही।

इसी बीच विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद तथा विदेश सचिव अमेरिकी प्रशासन के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से रखते रहे और साल 2014 में संप्रग सरकार गई, लेकिन उन्हीं नीतियों के सहारे सरकार इस मामले को आगे बढ़ाती रही, जो दस्तावेज संप्रग सरकार के समय इस मामले में इकट्ठे किए गए थे, उन्हें आगे बढ़ाया गया और उसी का परिणाम है कि आज इस आतंकवादी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी हुई है, जिसकी सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया जा रहा है और ऐसा करने वाले लोगों को यह भी बताना चाहिए कि डेविड हेडली, दाऊद इब्राहिम आदि का प्रत्यर्पण नहीं हो पाने का श्रेय किसको दिया जाना चाहिए। हम श्रेय पर विश्वास नहीं करते है, लेकिन भारत की सुरक्षा का मामला हो, भारत के हितों की बात हो तो हम सरकार के साथ खड़े हैं।

 

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