मणिपुर हिंसा : हालात सामान्य होने में लगेगा समय
23 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू
27 अप्रैल को चूराचांदपुर जिले से ही हिंसा शुरू हुई थी, जो पूरे राज्य में फैल गई। हिंसा में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है।
इंफाल। मणिपुर में हिंसा अब थम चुकी है। हालांकि हालात सामान्य होने में अभी वक्त लगेगा। चूराचांदपुर जिले में रविवार सुबह 7 से 10 बजे तक के लिए कर्फ्यू हटाया गया। 27 अप्रैल को चूराचांदपुर जिले से ही हिंसा शुरू हुई थी, जो पूरे राज्य में फैल गई। हिंसा में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है। 100 से ज्यादा लोग घायल हैं। सेना के मुताबिक, अब तक सभी समुदायों के 23 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू कर सैन्य कैंप में भेजा गया है। वहीं भाजपा विधायक डिंगांगलुंग गंगमेई ने मणिपुर उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। जिसमें मीतेई/मेइतेई समुदाय को मणिपुर की जनजाति के रूप में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के संबंध में आदेश दिया गया था। सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष गंगमेई द्वारा दायर याचिका में राज्य सरकार को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची के लिए एक जनजाति की सिफारिश करने के संबंध निर्देश देने की मांग की गई थी, जो केवल राज्य के अधिकार क्षेत्र में आती है, न कि उच्च न्यायालय के दायर याचिका में कहा गया है कि मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश से मणिपुर में अशांति फैल गई और 19 लोगों की मौत हुई है। याचिका के अनुसार आदेश के कारण, दोनों समुदायों के बीच तनाव हो गया है और राज्य भर में हिंसक झड़पें हुई हैं। इसके परिणामस्वरूप अब तक 19 आदिवासी मारे गए हैं, राज्य में विभिन्न स्थानों को अवरुद्ध कर दिया गया है, इंटरनेट पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि और अधिक लोगों को अपनी जान गंवाने का खतरा है।
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