अब बालाकोट जैसी कार्रवाई नहीं, फुल एंड फाइनल हिसाब जरूरी : फारूक अब्दुल्ला
पहलगाम हमले को लेकर पाक पर फूटा गुस्सा
भारत ने 1947 में ही टू-नेशन थ्योरी को खारिज कर दिया था और आज भी उसे मानने को तैयार नहीं है, क्योंकि देश में हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई सब एक हैं।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर देशभर में शोक और आक्रोश का माहौल है। पूर्व सीएम और जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने हमले को लेकर पाकिस्तान की निंदा की। उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान से वार्ता का सवाल ही नहीं उठता है, क्योंकि उन्होंने इंसानियत का कत्ल किया है। भारत ने 1947 में ही टू-नेशन थ्योरी को खारिज कर दिया था और आज भी उसे मानने को तैयार नहीं है, क्योंकि देश में हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई सब एक हैं।
टू-नेशन थ्योरी को किया था रिजेक्ट
उन्होंने कहा कि हम जब 1947 में उनके साथ नहीं गए, आज क्यूं जाएंगे? हमने टू-नेशन थ्योरी तब पानी में फेंक दी थी और हम टू-नेशन थ्योरी को आज भी मानने के लिए तैयार नहीं हैं। हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई जो भी है हम सब एक है। ये समझते है की हमें वो इससे कमजोर कर देंगे। हम इससे कमजोर नहीं होंगे। हम इससे मजबूत हो रहे है और उनको अच्छा जवाब दे। पाकिस्तान से शांति वार्ता पर क्या बोले फारूक?: उन्होंने कहा, पाकिस्तान कह रहा है की बातचीत होनी चाहिए। क्या होना चाहिए? मैं हर वक्त डायलॉग को फेवर करता था। मैं हर वक्त चाहता था की बातचीत हो। मगर बताइए उन लक्ष्यों को क्या कहेंगे और उनके घरवालों को क्या कहेंगे? क्या हम बात करेंगे? क्या ये इंसाफ होगा?
पाकिस्तान पर हो जोरदार एक्शन
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आज भारत बालाकोट नहीं चाहता है, आज भारत चाहता है की ऐसा एक्शन पाकिस्तान के खिलाफ लिया जाए कि दोबारा ऐसी घटनाएं ना हो।
फारूक अब्दुल्ला ने क्या कहा?
समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, अफसोस है हमें की हमारा पड़ोसी आज भी नहीं समझता की उसने इंसानियत का कत्ल किया है। अगर वो ये समझता इससे हम लोग पाकिस्तान में चले जाएंगे उनकी इस गलतफहमी को दूर करना है।

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