सिसोदिया-सत्येंद्र का मंत्री पद से इस्तीफा
दिल्ली में राजनीति का पारा आसमान पर
केजरीवाल सरकार ने मनीष सिसोदिया के 18 विभागों में से 8 विभागों की जिम्मेदारी कैलाश गहलोत और 10 की जिम्मेदारी राजकुमार आनंद को सौंपी है। गहलोत वित्त मंत्रालय और आनंद शिक्षा मंत्रालय देखेंगे।
नई दिल्ली। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं। सिसोदिया कथित आबकारी घोटाला मामले में पांच दिन की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की रिमांड पर हैं। जैन पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद हैं। सिसोदिया को कथित आबकारी घोटाले मामले में सीबीआई ने लंबी पूछताछ के बाद रविवार को गिरफ्तार किया है। केजरीवाल सरकार ने मनीष सिसोदिया के 18 विभागों में से 8 विभागों की जिम्मेदारी कैलाश गहलोत और 10 की जिम्मेदारी राजकुमार आनंद को सौंपी है। गहलोत वित्त मंत्रालय और आनंद शिक्षा मंत्रालय देखेंगे।
ये विभाग थे सिसोदिया के पास
सिसोदिया के पास शिक्षा, लोक निर्माण, वित्त, आबकारी, ऊर्जा, जल, स्वास्थ्य जैसे सबसे अहम विभाग थे। सिसोदिया अपने विभागों के साथ ही जैन के विभागों का काम भी देख रहे थे।
सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
उच्चतम न्यायालय ने शराब नीति में अनियमितता के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की रिट याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सिसोदिया की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, यह एक बहुत ही गलत मिसाल कायम करेगा। सिर्फ इसलिए कि दिल्ली में एक घटना हुई थी, हमसे संपर्क किया गया था। जस्टिस चंद्रचूड़ कहा कि याचिकाकर्ता दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष प्रभावी उपाय का लाभ उठा सकता है।
अर्नब और दुआ मामले का हवाला
वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने पीठ के समक्ष दलील देते हुए कहा कि शीर्ष अदालत ने पहले पत्रकार अर्नब गोस्वामी और विनोद दुआ के मामले में हस्तक्षेप किया था। इस पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि अर्नब गोस्वामी का मामला बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले के बाद शीर्ष अदालत में आया था। विनोद दुआ के मामले में तथ्य और परिस्थितियां बिल्कुल अलग थीं। कोविड-19 दौरान दुआ के मामले में अदालत ने हस्तक्षेप किया था। दिल्ली की एक विशेष अदालत ने सोमवार को सिसोदिया को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) की हिरासत में चार मार्च तक भेज दिया था। सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई अदालत के इस आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।

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