पाकिस्तान संघर्ष पर पुनरावलोकन समिति गठित करे सरकार : कारगिल युद्ध के समय की तरह काम कर सरकार को सौंपे रिपोर्ट, जयराम रमेश ने कहा- क्या मोदी सरकार कराएगी स्वतंत्र आकलन ?
कांग्रेस बार-बार प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही
कांग्रेस ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर की गई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष पर एक पुनरावलोकन समिति गठित की जानी चाहिए।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर की गई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष पर एक पुनरावलोकन समिति गठित की जानी चाहिए, जो कारगिल युद्ध के समय की तरह काम कर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपे। कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि कारगिल युद्ध समाप्त होने के बाद उस समय भाजपा सरकार ने इस तरह की एक रिपोर्ट तैयार कराई थी और बाद में रिपोर्ट को संसद में पेश किया गया था।
रमेश ने कहा कि कारगिल युद्ध समाप्त होने के ठीक 3 दिन बाद वाजपेयी सरकार ने 1999 में कारगिल पुनरावलोकन समिति गठित की थी। इसकी रिपोर्ट 23 फरवरी 2000 को संसद में प्रस्तुत की गई। हालांकि, इसके कुछ हिस्सों को अब भी गोपनीय रखा गया और ऐसा होना भी चाहिए। इस समिति के अध्यक्ष भारत के सामरिक मामलों के विशेषज्ञ के. सुब्रमण्यम, थे, जिनके पुत्र वर्तमान में भारत के विदेश मंत्री हैं।
जयराम रमेश ने सवाल करते हुए कहा कि क्या मोदी सरकार अब पहलगाम हमले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच के बावजूद इसी तरह का एक स्वतंत्र और व्यापक विश्लेषण के जरिये इस पूरे प्रकरण का विस्तृत आकलन कराएगी। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुई संघर्ष विराम को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक्स पर पोस्ट किया था। वॉशिंगटन डीसी से आए बयानों के बाद कांग्रेस बार-बार प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही है। अगला संसद सत्र करीब ढाई महीने बाद होने की संभावना है, जबकि यह मांग अब और भी अधिक जरूरी और तात्कालिक हो गई है।
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