फ्रांस में चल रहे दो दिवसीय सम्मेलन को किया वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधित : आपदा रोधी उपायों को शिक्षा में शामिल किया जाए- मोदी

इसके लिए वित्तपोषण की मजबूत व्यवस्था हो

फ्रांस में चल रहे दो दिवसीय सम्मेलन को किया वीडियो कांफ्रेंसिंग से संबोधित : आपदा रोधी उपायों को शिक्षा में शामिल किया जाए- मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपदाओं का सामना करते हैं और प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण के विषय में दूसरे देशों के अनुभवों से सीख लेने की जरूरत है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व समुदाय से आपदा से निपटने के लिए वित्त-पोषण की अभिनव व्यवस्था किए जाने और आपदा रोधी उपायों को शिक्षा का हिस्सा बनाए जाने पर बल दिया है। मोदी ने आपदा रोधी अवसंरचना पर फ्रांस के नीस शहर में चल रहे दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। प्रधानमंत्री कार्यालय की शनिवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार मोदी ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए अभिनव वित्त पोषण की आवश्यकता है। हमें कार्रवाई योग्य कार्यक्रम तैयार करने चाहिए और वित्त तक विकासशील देशों की पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि आपदा से निपटने के लिये पाठ्यक्रम, मॉड्यूल और कौशल विकास कार्यक्रम को उच्च शिक्षा का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे कुशल कार्यबल का निर्माण होगा, जो भविष्य की चुनौतियों से निपट सकता है।

अनुभवों से सीख लेने की जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपदाओं का सामना करते हैं और प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण के विषय में दूसरे देशों के अनुभवों से सीख लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन विषयों में सर्वोत्तम प्रथाओं का एक वैश्विक डिजिटल संग्रह तैयार करना लाभकारी होगा। हम छोटे द्वीपीय विकासशील देशों को बड़े महासागरीय देशों के रूप में देखते हैं। उनकी अतिसंवेदनशीलता के कारण उन पर विशेष रूप पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

मैकों का जताया आभार
उन्होंने आपदाओं के संबंधी प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों की मजबूती और समन्वय के महत्व को भी रेखांकित किया। मोदी ने अपने संबोधन में इस सम्मेलन के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और फ्रांस सरकार की ओर से दिए गए सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया।

जलवायु परिवर्तन के कारण तटीय क्षेत्रों पर खतरा 
पीएम ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के कारण तटीय क्षेत्र और द्वीप जोखिम में हैं। हाल के दिनों में, हम भारत और बांग्लादेश में चक्रवात रेमल, कैरिबियन में  बेरिल, दक्षिण-पूर्व एशिया में  यागी, अमेरिका में हेलेन, फिलीपींस में उसागी और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में चक्रवात चिडो की आपदा को देखा है। ऐसी आपदाओं ने जान-माल को हानि पहुंचाई है।

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