Heera mandi इंसानी जज्बात से बुनी तवायफों की दास्तान, जहां इश्क अधूरा और देश से मोहबब्त पूरी है...
कहानी है मलिका जान की, जिसे हुजूर बनने के लिए अपनी ही बहन रेहाना ( सोनाक्षी सिन्हा ) का खून करना पड़ता है ।
तवायफों की रंगीन दुनिया, अदाओं के साथ इश्क, दर्द और धोखा से बनी है ये हीरामंडी। बदले और रुतबे की कहानी में देशभक्ति का तड़का लगाती संजय लीला भंसाली की पहली वेब सीरीज नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम है ।
कहानी है मलिका जान की, जिसे हुजूर बनने के लिए अपनी ही बहन रेहाना ( सोनाक्षी सिन्हा ) का खून करना पड़ता है । वो रेहाना जो शाही महल की सल्तन्नत में अपनी ही बहन का जीना दूभर कर देती है। नवाब जुल्फिकार के साथ मिलकर मलिका ब्रिटिश पुलिस से खून के इल्जाम से बच तो जाती है, लेकिन अपनी छोटी बहन वहीदा ( संजीदा शैख) का चश्मदीद गवाह होना, उसके लिए सरदर्द बन जाता है। बड़ी बेटी बिल्लो जान (अदिति राव हैदरी) शाही महल की शान है, जिसकी आवाज का जादू नवाब क्या अंग्रेजों पर भी सर चढ़कर बोलता है। यही वजह है बिब्बो क्रांतिकारियों का वो हथियार है, जिससे देश की आजादी की उम्मीद जुड़ी है। वहीं उसकी छोटी बहन आलमजेब (शरमिन सहगल)शायरा बनना चाहती है। जब आलम जेब को नवाब ताजदार बलोच (ताहा शाह) से इश्क हो जाता है, जो अंग्रेजों की गुलामी के साथ, हीरामंडी की तवायफों से भी नफरत करता है। फरीदन अपनी मां रेहाना का बदला मलिका को बर्बाद करके लेना चाहती है।
मोहब्बत देश से हो या इश्क अदना सी बांदी साइमा का, बिब्बो, आलम और नवाबों से अंग्रेजो की टशन मल्लिका की जिद और जिंदगी से जुड़ी है। क्या फरीदन अपनी खाला वहीदा के साथ मिलकर मलिका को बर्बाद करेगी। बहनों की आपसी रंजिश, बदले और रुतबे की इस लड़ाई का अंजाम हीरामंडी का वो शमशान है, जहां सांसें तो चलती है लेकिन रूह मर जाती है। कहानी मोइन बैग की 14 साल पुराने आइडिया का वो इतिहास का पन्ना है जिसे संजय लीला भंसाली ने शानोशौकत से बड़े परदे पर उतारा है।

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