शोर का कहर-हमारी सांसों में जहर घोलता खतरा

पर्यावरण को खतरा 

शोर का कहर-हमारी सांसों में जहर घोलता खतरा

शोर कहें या ध्वनि प्रदूषण आज गंभीर समस्या बनता जा रहा है।

शोर कहें या ध्वनि प्रदूषण आज गंभीर समस्या बनता जा रहा है। इसका सबसे दुखदायी पहलू यह है कि मौजूदा हालात में इसका स्तर तय मानकों को लगातार लांघता जा रहा है और एन जी टी के सख्त निर्देशों तथा सरकारी आदेशों के बावजूद इसमें कोई सुधार नहीं आ रहा है। गौरतलब यह है कि जैसे-जैसे हम अपनी सुविधाओं में बढ़ोतरी करते जा रहे हैं, वैसे-वैसे हमारे ऊपर इनका नकारात्मक असर दिखाई पड़ता जा रहा है। वायु प्रदूषण से जहां इंसान की कार्यक्षमता और स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है, वहीं ध्वनि प्रदूषण भी इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।

शोर के कारण :

दुनियाभर में हो रहे शोध-अध्ययन इस बात के सबूत हैं कि दुनिया में बढ़ रहा शोर केवल कानों तक ही सीमित नहीं रह गया है, शोर के कारण न केवल इंसान की उम्र कम हो रही है, बल्कि वे नींद में कमी, तनाव, अवसाद, दिल, दिमाग, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और टायप-2 डायबिटीज का कारण भी बन रहा है। इसमें कार, ट्रेन और हवाई जहाज से होने वाले ध्वनि प्रदूषण का योगदान सर्वाधिक है। ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी का शोध यह खुलासा करता है कि, जो लोग लगातार ट्रेन, कार और हवाई जहाज के शोर का सामना करते हैं, उनके अंदर नींद में कमी, तनाव, अवसाद आदि परेशानियां बढ़ने लगती हैं। यही नहीं इनमें मधुमेह और दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है।

शोध में खुलासा :

Read More प्रदूषण से उड़कर बादलों में घुलते कीटनाशक

76 फीसदी लोगों का मानना है कि शोर से उनकी याददाश्त पर काफी असर पड़ रहा है। यह भी देखा गया है कि शोर के माहौल में रहने से लोगों को 5 साल में दिल का दौरा पड़ने की संभावना बनी रहती है। 24 घंटे में ज्यादा शोर सुनने वाले लोगों के जल्दी बीमार होने की संभावना रहती है। शोर से जल्दी थकान, अनिद्रा, बहरापन और याददाश्त जाने का खतरा बना रहता है। लम्बे समय तक शोर झेलने के कारण डिमेंशिया का खतरा भी हो सकता है। यही नहीं डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है। लंदन स्थित सेंट जार्ज यूनिवर्सिटी के शोध में यह खुलासा हुआ है कि ध्वनि प्रदूषण का असर इंसान पर सिर्फ जागते समय ही नहीं होता है, बल्कि वह नींद में भी शरीर को प्रभावित करता है।

Read More एआई के लाभ-हानि से बदलती जीवन रेखा

तनावपूर्ण स्थिति :

Read More झुलसती संवेदनाएं और नाकाम होती व्यवस्था

तेज आवाजों से हमारे शरीर की किसी खतरे या तनावपूर्ण स्थिति का सामना करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। इससे तनाव हार्मोन रिलीज होते हैं, जो लम्बे समय तक शरीर में बने रहने से गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। इससे नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है जिससे दिल की धड़कन की गति बढ़ जाती है। वैज्ञानिकों की मानें तो हमारा दिमाग सोते समय भी शोर सुनता है, इससे शरीर तनाव की अवस्था में बना रहता है। यह लम्बे समय तक जारी रहने पर दिल और दिमाग की कार्यप्रणाली को कमजोर कर सकता है। नतीजतन तनाव, चिड़चिड़ापन, नींद में बाधा और यहां तक कि अवसाद जैसी समस्यायें पैदा हो जाती हैं। ध्वनि प्रदूषण का असर प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है।

पर्यावरण को खतरा :

दरअसल जिस आवाज से नींद टूट जाए, उसे क्रोनिक साउंड्स कहते हैं। जो लोग हाइवे के किनारे रहते हैं और दिन भर ट्रैफिक का शोर सुनते रहते हैं, उनको इसकी आदत सी पड़ जाती है। इसलिए ये आवाजें उनको परेशान नहीं करतीं, लेकिन उनका शरीर इन आवाजों से प्रतिक्रिया करता है और उनको हाइपर टेंशन, दिल का दौरा जैसी बीमारियां होती हैं। वहीं शांत इलाकों जैसे गांव-देहात में रह रहे लोग अचानक तीव्र आवाजों से परेशान हो जाते हैं। उनके लिए शोर ज्यादा प्रतिक्रिया करता है। उनके लिए यह खतरा शहरों में रहने वाले लोगों की अपेक्षा तीन गुणा ज्यादा बढ़ जाता है। यूनाइटेड नेशंस ने शहरी ध्वनि प्रदूषण को पर्यावरण के लिए नए खतरों में सबसे ज्यादा खतरनाक बताया है।

नकारात्मक प्रभाव :

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 55 डेसीबल का हवाई जहाज का शोर इंसान के लिए ज्यादा खतरनाक है। 75 डेसीबल का शोर नुकसान दायक और 120 डेसीबल का शोर पीड़ा दायक है। 53 डेसीबल तक यातायात से होने वाले ध्वनि प्रदूषण से सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। देखा गया है कि शहरों में बढ़ते ट्रैफिक, ट्रेन और हवाई जहाज की आवाज शोर के प्रमुख कारणों में से एक है। 53 डेसीबल से अधिक आवाज स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। आजकल शहरों में ’सुपरलाक’ जैसे प्रयोग किये जा रहे हैं, जहां पैदल यात्रियों के लिए विशेष क्षेत्र बनाए गए हैं, ताकि शोर को कम किया जा सके। जरूरत इस बात की है कि शोर से बचने के लिए व्यक्तिगत और प्रशासनिक स्तर पर ठोस कदम उठाए जाएं।

-ज्ञानेन्द्र रावत
यह लेखक के अपने विचार हैं।

Post Comment

Comment List

Latest News

पंजाब-हरियाणा में नहीं जली पराली : फिर भी दिल्ली में प्रदूषण, आप ने कहा- भाजपा के सत्ता में रहने के बावजूद स्थिति और खराब  पंजाब-हरियाणा में नहीं जली पराली : फिर भी दिल्ली में प्रदूषण, आप ने कहा- भाजपा के सत्ता में रहने के बावजूद स्थिति और खराब 
राज्यों में पराली जलाने की कोई घटना सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण का स्तर ऊंचा बना हुआ...
मुरलीपुरा थाना पुलिस की कार्रवाई : व्यापारी से एक करोड़ की रंगदारी मांगने वाला बदमाश गिरफ्तार, वसूली का काम करता है आरोपी
कांग्रेस नेताओं के बयान पर भजनलाल शर्मा का पलटवार : पार्टी के झूठ और लूट ने उसे धरातल पर ला दिया, कहा- अपने कर्म पर ध्यान नहीं देते ये लोग 
प्रॉपर्टी कारोबारी की स्कॉर्पियो जलाने की साजिश : सीसीटीवी में कैद बदमाशों की करतूत, पेट्रोल डालकर गाड़ी में लगाई आग 
आप ने भाजपा की चुनावी धांधली को लेकर कांग्रेस की चुप्पी पर उठाए सवाल : सिर्फ अपनी पार्टी के लिए बोलते हैं राहुल गांधी, सौरभ भारद्वाज ने दी इन आरोपों पर बोलने की चुनौती
बेघरों के लिए ढाल बनी सरकार : आश्रय स्थलों का खड़ा किया मजबूत नेटवर्क, रैन बसेरों से 21 हजार से अधिक लोगों को मिल रहा सहारा
कांग्रेस ने संजय गांधी को दी श्रद्धांजलि, नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चित्र पर अर्पित किए पुष्प