ब्यावर में अनोखी शादी- किन्नर का हाथ थामकर खाई साथ जीने की कसम

लिव-इन रिलेशन में रहेंगे नितेश और सोनल

ब्यावर में अनोखी शादी-  किन्नर का हाथ थामकर खाई साथ जीने की कसम

घर-परिवार ने ढोल ढमाकों से कराया गृह प्रवेश

ब्यावर। बेटे की शादी होते ही परिवार में दादा-दादी को पोते-पोती का और माता-पिता को अपने आंगन में संतान की किलकारियां गूंजने का इंतजार रहता है। इसका कारण यह है कि सदियों से विवाह को वंशवृद्धि से जोड़कर देखा जा रहा है, मगर ब्यावर शहर के एक युवक नितेश ने किन्नर सोनल का हाथ थामकर विवाह की परिभाषा बदल दी। उसने किन्नर को अपनी जीवन संगिनी बनाया है। इससे भी ज्यादा खास बात यह है कि दूल्हे के माता-पिता ने भी अपने बेटे की चाहत को रजामंदी दे दी है। उन्होंने राजी-राजी किन्नर को बहु बनाकर घर ले आने की सहमति दे दी। यह जानते हुए भी कि बेटा जिसे उनकी बहु बनाकर घर ला रहा है वह उन्हें कभी पोते-पोती का सुख नहीं दे पाएगी। माता-पिता ने न केवल किन्नर को बहु बनाने की सहमति दी वरन विवाह के रूप में कागजी दस्तावेजों में बतौर साक्षी भी बने हैं। शहर में यह शादी काफी चर्चा का विषय बनी हुई है।

ढोल ढमाकों से अगवानी

किन्नर को जीवन साथी बनाकर जब बेटा घर पहुंचा तो घर परिवार के लोगों ने बढ़े चाव के साथ ढोल ढमाकों से उनकी अगवानी की। शादी के रूप में जश्न मनाया गया। नाते रिश्तेदारों को भोज भी दिया गया। आशीर्वाद समारोह के दौरान दोनों ने नाते रिश्तेदारों और आमंत्रित समाज के लोगों से आशीर्वाद लिया। गृहस्थ जीवन की दहलीज पर कदम रखने के दौरान परिवार के लोगों ने वे सारी रस्में निभाईं जो एक सामान्य शादी के दौरान निभाई जाती है। 

अधिवक्ता मुकेश लखन ने बताया कि ग्राम राजपुरा तहसील पेटलावद, झाबुआ, मध्यप्रदेश की रहने वाली किन्नर सोनल एवं ब्यावर के जटिया कॉलोनी निवासी नितेश खन्ना पुत्र कैलाशचंद ने एक दूसरे का हाथ थामकर जीवन साथी के रूप में साथ रहने की कसम खाई है। दोनों की लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के लिए कागजी औपचारिकता पूरी करवाई गई है। इसके बाद से दोनों ने एक दूसरे को अपना हमसफर मान कर अपने भावी जीवन के लिए घर में प्रवेश किया है।

Read More सरकार और बैंकों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर, विकास और समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

संतान लेंगे गोद

Read More पेपर लीक प्रकरण जानबूझ लंबित कर रही भाजपा : गहलोत

‘नवज्योति’ ने जब नितेश एवं सोनल से संतान सुख को लेकर बात की तो उनका कहना था कि संतान ही सब कुछ नहीं है। दो जीवन यदि किसी का सहारा बन कर साथ निभा सकते हैं तो इससे बढ़कर कोई सुख नहीं है। जहां तक संतान की बात है तो यह हम जानते हैं कि हम संतान को जन्म नहीं दे सकते। मगर इसके लिए भी हमारे पास विकल्प हैं। हम किसी बच्चे को गोद लेकर उसे संतान के रूप में अपनाएंगे। दुनिया में ऐसे कई पत्नी-पत्नी हैं जिनके जीवन में संतान का सुख नहीं है, वो भी तो अपना जीवन गुजार रहे हैं। तो फिर हम क्यों नही?

Read More प्रदेश में ठिठुरन का दौर जारी, कोहरे की चपेट में कई जिले, तीन संभाग में बारिश की संभावना

 

 

 

 

 

 

-

Post Comment

Comment List