आरपीएससी प्रतियोगी परीक्षा : फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र, छद्म डिग्री-दस्तावेज, जालसाजी और अन्य प्रकरणों में कार्रवाई
415 अभ्यर्थी आजीवन,109 एक से पांच वर्ष तक डिबार
आयोग द्वारा विभिन्न ओटीआर प्रोफाइल की जांच में यह सामने आया है कि कई अभ्यर्थियों द्वारा एक से अधिक प्रोफाइल विभिन्न एसएसओ आईडी के माध्यम से बनाए हुए हैं।
अजमेर। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र, छद्म डिग्री व दस्तावेजों, जालसाजी एवं अन्य प्रकरणों में अब तक 524 संदिग्ध और अपात्र अभ्यर्थियों को आयोग की भर्ती परीक्षाओं से डिबार किया है। इनमें से 415 अभ्यर्थियों को आजीवन आयोग की भर्ती परीक्षाओं से डिबार किया गया है। जबकि शेष 109 अभ्यर्थियों को एक से पांच वर्ष तक की अवधि के लिए डिबार किया गया है। आरपीएससी की ओर से जारी जिलावार सूची के अनुसार जालौर में सबसे अधिक 128 उम्मीदवारों को डिबार किया गया है। बांसवाड़ा के 81 और डूंगरपुर के 40 अभ्यर्थियों को डिबार किया गया है। डिबार किए गए कुल 524 अभ्यर्थियों में से 514 राजस्थान के विभिन्न जिलों से हैं। जबकि 10 अभ्यर्थी अन्य राज्यों से हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के 5, हरियाणा के 2, बिहार का 1, दिल्ली का 1 और मध्य प्रदेश का 1 अभ्यर्थी शामिल है।
48 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने किया ई-केवाईसी
वर्तमान में वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) में 69 लाख 72 हजार 618 अभ्यर्थी रजिस्टर्ड हैं। इनमें से आधार नम्बर द्वारा सत्यापित 37 लाख 53 हजार 307 तथा जन आधार के माध्यम से सत्यापित 21 लाख 70 हजार 253 अभ्यर्थी ही हैं। शेष 10 लाख 33 हजार 136 अभ्यर्थियों ने एसएसओ आईडी के माध्यम से वन टाइम रजिस्ट्रेशन कराया है, जिनमें से 48 हजार 667 अभ्यर्थियों द्वारा केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है।
मल्टीपल एसएसओ आईडी से आवेदन करने वालों पर भी नजर
आयोग की ओर से मल्टीपल एसएसओ आईडी से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों पर भी नजर रखी जा रही है। ऐसे आवेदक जिनकी ओर से एक ही परीक्षा के विभिन्न सत्रों में बैठने का प्रयास किया गया तथा मल्टीपल आवेदन किए गए हैं, उनको भी भर्ती परीक्षाओं से डिबार किया गया है। आयोग की ओर से भर्ती परीक्षाओं में आवेदन करने के लिए 7 जुलाई से ही केवाईसी प्रक्रिया आरम्भ की गई है। इसके तहत वन टाइम रजिस्ट्रेशन में आधार/जन आधार नम्बर अपडेट करना आवश्यक कर दिया गया है। ई-केवाईसी के बिना आगामी भर्ती परीक्षाओं के लिए आवेदन नहीं किए जा सकेंगे। आयोग द्वारा विभिन्न ओटीआर प्रोफाइल की जांच में यह सामने आया है कि कई अभ्यर्थियों द्वारा एक से अधिक प्रोफाइल विभिन्न एसएसओ आईडी के माध्यम से बनाए हुए हैं।
सरकारी नौकरियों में तलाकशुदा महिलाओं के लिए कोटा निर्धारित है। आयोग के संज्ञान में आया है कि इस आरक्षित कोटे से नौकरी पाने के लिए कई अभ्यर्थियों ने तलाक के फर्जी सर्टिफिकेट बनवाए हैं। इनमें से कुछ प्रकरणों में अभ्यर्थी की ओर से तलाक की डिक्री दुरभि संधि (गुप्त या कपटपूर्ण समझौता : कोल्यूजन) से प्राप्त कर तलाकशुदा कोटे में विभिन्न भर्तियों के अन्तर्गत आवेदन किया है। आयोग की ओर से ऐसे प्रकरणों में प्राप्त शिकायतों के आधार पर अनुसंधान के लिए जांच एजेन्सियों को लिखा गया है। इस प्रकार के प्रकरणों में जांच पूर्ण होने के बाद जांच एजेन्सी की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
-रामनिवास मेहता, सचिव, आरपीएससी।

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