नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की खानापूर्ति : गांधी स्मृति वन में भी पाथ-वे उखाड़ने के बाद कार्रवाई बंद, फूड कोर्ट की तीन में से एक विंग ध्वस्त
एससी में सुनवाई के बाद अग्रिम कार्रवाई
एडीए प्रशासन का कहना है कि 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट मेंं इस प्रकरण को लेकर होने वाली सुनवाई के बाद अग्रिम कार्रवाई राज्य सरकार के निर्देश पर की जा सकेगी।
अजमेर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की पालना में अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से आनासागर झील के वैटलेण्ड, ग्रीन जोन एवं ग्रीन बेल्ट एरिया में निर्मित सेवन वंडर्स को ध्वस्त करने के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण की ओर से शुरू हुई कवायद स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी की प्रतिमा हटाने तथा हरिभाऊ उपाध्याय नगर विस्तार योजना के ओपन स्पेस एवं ग्रीन एरिया में निर्मित गांधी स्मृति वन में निर्मित पाथ वे को क्षत विक्षत करने के बाद बंद हो गई। वहीं नगर निगम ने आनासागर झील के किनारे लवकुश उद्यान में निर्मित लेक व्यू फूड कोर्ट की तीन में से एक विंग को ध्वस्त कर दिया। अधिशाषी अभियंता राजेन्द्र कुडी की अगुवाई में सेवन वंडर्स पहुंचे अजमेर विकास प्राधिकरण की तकनीकी शाखा के अभियंता जो वहां स्थापित स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी की प्रतिमा को हटाने में देर रात तक नाकाम रहे थे, उन्हें सुबह 11.30 बजे यह प्रतिकृति हटाने में कामयाबी मिली। तकनीकी शाखा के अभियंता राजीव मीणा और अंशुल ऐरन ने गैस कटर मंगाकर प्रतिमा को पेडस्ट्रिल से सुरक्षित निकलवाया और क्रेन के सहारे प्रतिमा को उठाकर सेवन वंडर्स के गार्डन परिसर में ही रख छोड़ा। उसके बाद सेवन वंडर्स पर ताला लगाकर एडीए की टीम वहां से प्रस्थान कर गई। जब मीडियाकर्मियों ने उनसे आगे की तोड़फोड़ क्यों बंद कर दी, यह सवाल किया तो उनका जवाब था उन्हें अधिकारियों ने जो निर्देश दिए उसकी पालना उन्होंने कर दी है। वे इस सिलसिले में एडीए का पक्ष रखने के लिए अधिकृत नहीं हैं। यही स्थिति गांधी स्मृति वन की थी जहां पाथ वे हटाने की कार्रवाई कर एडीए की टीम लौट गई।
एससी में सुनवाई के बाद अग्रिम कार्रवाई
एडीए प्रशासन का कहना है कि 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट मेंं इस प्रकरण को लेकर होने वाली सुनवाई के बाद अग्रिम कार्रवाई राज्य सरकार के निर्देश पर की जा सकेगी। क्योंकि इनका निर्माण स्मार्ट सिटी कंपनी ने किया है। उन्हें तो निर्मित सम्पत्ति रखरखाव और संचालन के लिए हस्तान्तरित की गई है।
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