असर खबर का - सादेड़ा सरकारी स्कूल का औचक निरीक्षण, गंदगी और जर्जर स्थिति देखकर नैनवां अधिकारियों ने फटकार लगाई
सुधार के दिए निर्देश
आधा दर्जन अन्य सरकारी विद्यालयों का भी औचक निरीक्षण किया।
भण्डेड़ा। शिक्षा विभाग के नैनवां अधिकारियों ने मंगलवार को सादेड़ा सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। परिसर में बरसाती समय छत टपकने, गंदगी और जर्जर स्थिति देखकर अधिकारी नाराज हो गए और कार्यवाहक प्रधानाचार्य को फटकार लगाई है। सोमवार को दैनिक नवज्योति समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार को लेकर विभाग के अधिकारियों ने विद्यालय की सुध ली है। मंगलवार को निरीक्षण के दौरान पाया गया कि परिसर में सीसी पर पशुओं का गोबर फैला हुआ था और भवन के पास पेड़-पौधों में लंबे समय से गंदगी जमा थी। छत पर एक से डेढ़ फीट तक पीपल के छोटे पौधे उग आए थे। अधिकारियों ने जल्द सफाई कराने और उगते पेड़-पौधों को हटाने के लिए विभागीय अनुमति लेने के निर्देश दिए।
नलकूप के पानी की निकासी व्यवस्था सुधारने और परिसर को साफ-सुथरा रखने के लिए भी पाबंदी लगाई गई। नैनवां मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारी और अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षाधिकारी टीम ने आधा दर्जन अन्य सरकारी विद्यालयों का भी औचक निरीक्षण किया। इसमें प्राथमिक विद्यालय भामर, बैरवा का झोपड़ा, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मुण्डली एवं अन्य विद्यालय शामिल रहे। निरीक्षण के दौरान शिक्षा विभाग के प्रखर कार्यक्रम-2.0, शाला स्वास्थ्य और संकुल हेल्थ एंड वेलनेस प्रोग्राम का अवलोकन किया गया। अधिकारियों ने शाला रैंकिंग, डोनेशन एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति का ज्ञान संकल्प पोर्टल और शाला दर्पण पर प्रतिदिन अभिलेख रखने के लिए प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया।
इसके अलावा बीकानेर निदेशानुसार दीपावली से पहले सभी विद्यालयों के भवनों की रंगाई-पुताई सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए। इस कदम से न केवल सादेड़ा बल्कि क्षेत्र के अन्य सरकारी विद्यालयों में भी शिक्षा और स्वच्छता सुधार की दिशा में कदम बढ़ेंगे। निरीक्षण के दौरान मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारी नैनवां ओमप्रकाश बुनकर, अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षाधिकारी अनिल गोयल ने औचक निरीक्षण के दौरान जिन विद्यालयों में कमियां नजर आने पर सुधार करने के लिए पाबंद किया गया है।
यह कहा अधिकारी ने
इधर सीबीईओ का कहना है कि सादेड़ा विद्यालय में बड़े पेड़-पौधों से विद्यालय भवन को भी खतरा है। संबंधित विभाग से पेड़ो की कटाई को लेकर लिखित पत्र के माध्यम से अनुमति लेने को मोके पर प्राधानाचार्य को निर्देशित किया है। जर्जर भवन को लेकर मरम्मत राशि स्वीकृत होने पर काम के दौरान संवेदक द्वारा घटिया निर्माण किया जाता है, तो काम बंद करवाकर विद्यालय समिति की मीटिंग बुलाकर संवेदक को पाबंद किया जाएं।
- ओम प्रकाश बुनकर, नैनवां, सीबीईओ।

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