पागल जरख ने दो ग्रामीणों पर हमला कर किया घायल, एक भेड़ को ले जाकर पानी में कूदा जरख, दोनों की मौत
दिवाकर गांव में पागल जरख ने मचाया आतंक
उसने दो भेड़ों को घायल कर दिया, जिसमें से एक को मुंह में दबाकर गांव से लगे कोलाई धाम के पास स्थित पानी के गड्ढे में कूद गया।
सिकराय। ग्राम पंचायत बहरावंडा के दिवाकर गांव में गुरुवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब एक पागल जरख ने दो ग्रामीणों और पशुओं पर हमला कर दिया। जरख के हमले में दो व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि एक भेड़ को उठाकर पानी में कूद गया, जिससे दोनों की मौत हो गई। हमले के बाद गांव में दहशत का माहौल बन गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह करीब 6 बजे हरिराम गुर्जर पुत्र गंगाधर गुर्जर खेत में काम करने जा रहा था। खेत पर पहुंचते ही पागल जरख ने अचानक हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके हाथ का अंगूठा कट गया और शरीर पर कई जगह घाव हो गए। परिजनों ने तुरंत उसे जिला अस्पताल दौसा में भर्ती कराया। जहां जिला अस्पताल में इलाज जारी है।
फिर दिवाकर गांव में ही सुबह करीब 9 बजे उम्मेद गुर्जर पुत्र लखन सिंह गुर्जर पर भी जरख ने खेत में काम करते समय हमला कर दिया। उम्मेद के हाथ व शरीर पर गहरे घाव आए, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोनों का उपचार जारी है। वहीं हमले के बाद जरख गांव के एक चरवाहे की भेड़-बकरियों पर टूट पड़ा। उसने दो भेड़ों को घायल कर दिया, जिसमें से एक को मुंह में दबाकर गांव से लगे कोलाई धाम के पास स्थित पानी के गड्ढे में कूद गया। इस दौरान जरख और भेड़ दोनों की पानी में डूबने से मौत हो गई।
हमले के बाद गांव में दहशत फैल गई। ग्रामीणों ने लाठी-डंडे लेकर जरख को खोजने की कोशिश की। सूचना पर फॉरेस्टर डूंगरशी मीणा के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। विभाग ने सर्च ऑपरेशन चलाकर कोलाई धाम क्षेत्र से जरख का शव बरामद किया। शव को लांका वन चौकी लाकर अंतिम संस्कार किया गया।
ग्रामीणों का आरोप वन विभाग के कार्मिक नहीं करते गश्त
गुरुवार के हुए हमले के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग के कार्मिकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वन विभाग के कार्मिक क्षेत्र में कभी भी गस्त नहीं करते हैं। कई बार जब धार्मिक स्थल कोलाई में भी जाते हैं तो कई बार बघेरा रास्ते में श्रद्धालुओं को मिला हैं। जिसकी सूचना भी वन विभाग के कार्मिकों को दी गई लेकिन मौके पर कोई भी नहीं आया। वन विभाग के कार्मिक लापरवाही करते हैं ऐसे में यहां ग्रामीणों पर भी किसी का खामियाजा भुगतना पड़ा है। अब गांव में लगातार ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि वन विभाग के कार्मिक गस्त करें और वन्यजीवों से ग्रामीणों की सुरक्षा करें।
मृत अवस्था में मिला जरख तो राहत की सांस ली
फॉरेस्टर डूंगरशी मीणा ने बताया कि दिवाकर गांव में एक पागल जरख के द्वारा ग्रामीणों पर हमला किया हैं। हमला करने के बाद ही सूचना मिली तो सूचना के बाद मौके पर वन विभाग के कार्मिक और आधिकारिक पहुंचे जहां ग्रामीणों की सूचना के अनुसार जरख को ढूंढने का प्रयास शुरू कर दिया लेकिन क्षेत्र में घास अधिक हो जाने के कारण पग मार्ग नहीं मिले इसके बाद पहाड़ी क्षेत्र पर भी तलाश किया।
वहीं इसके बाद कोलाई धाम के पास पानी में सर्च किया तो पानी के अंदर मृत अवस्था में जरख मिला। जिसका शव को कब्जे में लेकर लाका वन चौकी पर लाया जहां जरख का अंतिम संस्कार किया गया ।
विधायक ने भी उठाई थी पहले विधानसभा में मांग
24 जनवरी को लांका ग्राम पंचायत के भगोरा गांव की पहाड़ी पर दो बकरी चरवाहों पर भी हमला किया गया था। जिनके करीब एक महीने बाद दोनों ही बकरी चरवाहों की मौत हो गई थी। ऐसे में विधायक विक्रम के द्वारा भी विधानसभा में मांग उठाई थी कि बघेरा के हमले में घायल हुए लोगों को मुआवजा दिया जाए और उन्हें नौकरी भी दी जाए।

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