चंद्रमा के सबसे नजदीक आया शनि ग्रह
जयपुर में बुधवार को दिखी खगोलीय घटना
जयपुर। पुरातन काल में ब्रहस्पति ऐसा ग्रह था जिसके पास चन्द्रमा सबसे ज्यादा होते थे, लेकिन अमेरिकी वैज्ञानिकों ने सौरमंडल की घटनाओं पर गहन शोध कर यह पता लगाया कि अब शनि ग्रह के पास सबसे ज्यादा चन्द्रमा हो गए हैं। यह पता लगाना बड़ा मजेदार रहा कि शनि अब वास्तव में चांद के मामले में सरताज है।
हम ये इसलिए आपको बता रहे हैं कि क्योंकि चन्द्रमा की गति तेज होने की वजह से इन दिनों वह आठ ग्रहों में से कुछ ग्रहों के नजदीक जा रहे हैं। बुधवार को जयपुर के आकाश से चन्द्रमा शनि ग्रह के सबसे ज्यादा नजदीक दिखाई दिया। शनि ऐसा ग्रह है जिसके पास सबसे ज्यादा 82 उपग्रह हैं। ये उपग्रह शनि की परिक्रमा करते हैं। शोधकर्ता इस ग्रह के चारों ओर चक्कर लगा रहे 20 नए चंद्रमाओं की खोज कर चुके हैं।
बृहस्पति के चन्द्रमाओं को पीछे छोड़ा
कुछ सालों पहले तक ये श्रेय बृहस्पति ग्रह को जाता था। बृहस्पति के पास वर्तमान में 79 उपग्रह हैं। हालांकि सबसे वृहद चन्द्रमा अभी भी बृहस्पति के ही पास है, लेकिन इस बात की जानकारी आमतौर पर लोगों को नहीं है कि 2019 में खगोलविदों ने शनि की परिक्रमा करते हुए 20 नए उपग्रहों की खोज कर इतिहास को बदल दिया था। इन 20 नए उपग्रहों को कार्नेगी इंस्टीटयूशन फॉर साइंस के स्कॉट एस शेपर्ड के नेतृत्व में एक टीम ने खोजा था। बृहस्पति के चन्द्रमा की तुलना में ये बहुत छोटे चन्द्रमा हैं। इन ग्रहों की साइज लगभग एक समान ही है। इनका व्यास करीब 5 किलोमीटर के आसपास है। 20 में से 2 उपग्रहों को शनि की परिक्रमा करने में 2 साल का समय लगता है, जबकि बाकी 18 उपग्रहों को ऐसा करने में तीन साल से अधिक का समय लगता है।
परिस्थितियों व समय के हिसाब से हमारा सौरमंडल भी नित नए आकार ले रहा है और विचरण कर रहे ग्रह अपनी चाल बदल लेते हैं। सौरमंडल में मौजूद सभी आठ ग्रहों के पास प्राकृतिक उपग्रह या चंद्रमा मौजूद हैं। इन ग्रहों को देखने के लिए अच्छी दूरबीन या टेलिस्कोप होनी चाहिए, क्योंकि शनि के 20 उपग्रहों में तीन तो समान दिशा में चक्कर लगाते हैं जबकि 17 उपग्रह विपरीत दिशा में चक्कर लगाते हैं। - संदीप भट्टाचार्य, असिस्टेंट डायरेक्टर, तारामंडल

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