गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार कल, 12 नए चेहरें लेगें शपथ
राजभवन में तैयारियां शुरू, शाम को 5 गहलोत ने बुलाई मंत्रिपरिषद की बैठक : कांग्रेस प्रदेश प्रभारी माकन की मुख्यमंत्री निवास पर चहलकदमी जारी
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर लंबे समय से चल रही सियासी अटकलों पर विराम लग गया है। मंत्रिमंडल का विस्तार कल रविवार को शाम 5 बजे होने जा रहा है। मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले 12 नए चेहरें शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह की राजभवन में तैयारियां जोरों-शोरो से चल रही है। राज्यपाल के आज शनिवार को यूपी दौरे से लौटने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी अजय माकन राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात कर कल रविवार को शपथ ग्रहण समारोह का अधिकृतरूप से निर्धारित किया जाएगा।
माकन की CMR पर भागदौड़
आलाकामना का निर्देश लेकर पुहेंच अजय माकन की मुख्यमंत्री निवास पर भागदौड़ जारी है। शुक्रवार को देर रात करीब 1बजे तक गहन मंथन के बाद शनिवार को भी माकन सुबह होटल से मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और कुछ अहम बिंदुओं को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नए चेहरों के नामों को लेकर माकन गहलोत के बीच चर्चा के बाद आलाकमान से भी सहमती ले ली गई है। वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट भी दौरे से आज शनिवार तक जयपुर पहुंच रहे है।
पायलट गुट के 5 चेहरों को मिल सकती है मंत्रीमंडल में तवज्जों
मंत्रिमंडल विस्तार में पायलट गुट के 5 चेहरों को शामिल किया जा सकता है। हालांकि इसमे दो चेहरें रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह पहले भी गहलोत कैबिनेट में मंत्री थे लेकिन सियासी उठापठक के चलते दोनों को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया था। ऐसे में अब इन दोनों चेहरों के साथ ही हेमाराम चौधरी, विजेंद्र ओला, मुरारी मीणा के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे है, जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
ये होंगे नए चेहरें
1. हेमाराम चौधरी - हेमाराम चौधरी पहले भी पूर्व मंत्री रहे हैं।
2. विश्वेंद्र सिंह - इसी सरकार में पर्यटन मंत्री रहे हैं।
3. रमेश मीणा - इसी सरकार में खाद्य मंत्री रहे हैं।
4. विजेंद्र सिंह ओला - पिछली गहलोत सरकार में पूर्व आपदा मंत्री रहे हैं।
5. मुरारी मीणा - पिछली गहलोत सरकार में पूर्व PWD राज्यमंत्री रहे हैं।
6. महेश जोशी - वर्तमान में सरकारी मुख्य सचेतक हैं।
7. मंजू मेघवाल - मौजूदा विधायक की लग सकती है लॉटरी
8. डॉ जितेंद्र सिंह - गहलोत सरकार पूर्व मंत्री रह हैं।
9. राजकुमार शर्मा, पिछली गहलोत सरकार में पूर्व मंत्री रहे हैं।
10. राजेंद्र गुढ़ा - बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए है। पिछली गहलोत सरकार में मंत्री रहे हैं।
11. संयम लोढ़ा - निर्दलिय विधायक हैं।
12. गोविंद मेघवाल - विधायक है।
13 खिलाड़ी लाल बैरवा - पूर्व सांसद रहे हैं।
14 दीपेंद्र सिंह शेखावत - पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं।
जातिगत और क्षेत्रवाद समीकरणों का रखा जा रहा ध्यान
गहलोत मंत्रिमंडल में प्रदेश के सभी जिलों को नेतृत्व देने के साथ ही जातिगत समीकरणों को ध्यान रखा जा रहा है। इसी रणनीति के तहत नए चेहरों को तवज्जों मिलेगी। हालांकि इस संबंध में मुख्यमंत्री भी कह चुके है कि क्षेत्र में मंत्री का नेतृत्व हो तो विकास को ज्यादा गति मिलती है।
तीन मंत्रियों की इस्तीफे स्वीकार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल के तीन काबीना मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए हैं। इस संबंध में तीनों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफे की पेशकश की और पत्र भी भेज दिया। इसकी पुष्टि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने की है। जयपुर पहुंचे माकन से शुक्रवार को एयरपोर्ट पर मीडिया को बताया कि गहलोत सरकार के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा और शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने अपने इस्तीफे आलाकमान को सौंप दिए हैं। जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इनके इस्तीफे स्वीकार कर लिए है। तीनों मंत्रियों ने पहले ही संगठन में काम करने की इच्छा जताई थी। आलाकमान ने चौधरी को पंजाब और डॉ. शर्मा को गुजरात का प्रभारी बना दिया। डोटासरा राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। एक पद, एक व्यक्ति के सिद्धांत को अपनाते हुए तीनों ने यह निर्णय लिया है।
अभी तेरह जिलों से एक भी मंत्री नहीं
अशोक गहलोत के मौजूदा मंत्रिमंडल में प्रदेश के 13 जिलों से एक भी मंत्री नहीं है। मंत्रिमंडन पुनर्गठन की संभावना के बीच इन जिलों के लोगों की उम्मीदें भी जगी है। मंत्रिमंडल में अभी उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, भीलवाड़ा, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, सिरोही, धौलपुर, टोंक, सवाई माधोपुर और करौली जिलों से अभी एक भी मंत्री नहीं है। गहलोत के नए मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नामों को लेकर सियासी अटकलों का दौर शुरू हो चुका है। फेरबदल में बाहर होने वालों और उनकी जगह शामिल किए जाने वाले नेताओं को लेकर सियासी हलकों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
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