रघुवीर मीणा को छोड़ 1993 के बाद कोई खेलमंत्री अगले चुनाव में नहीं पहुंचा विधानसभा
राजस्थान में सरकार के साथ खेल मंत्रियों से भी जुड़ा है एक संयोग
1993 के चुनाव में राजस्थान में भैरोसिंह शेखावत के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी लेकिन पांच साल बाद 1998 के चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल कर कांग्रेस ने अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार बनाई।
जयपुर। 1993 के चुनाव में राजस्थान में भैरोसिंह शेखावत के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी लेकिन पांच साल बाद 1998 के चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल कर कांग्रेस ने अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार बनाई। तब से ही राजस्थान में हर पांच वर्ष बाद सरकार बदलने का रिवाज निरंतर चल रहा है। कुछ ऐसा ही संयोग राजस्थान के खेलमंत्रियों के साथ भी जुड़ा है।
रघुवीर मीणा को छोड़ दें तो 1993 के चुनाव के बाद जिन विधायकों ने राजस्थान की सरकार में खेलमंत्री का पद संभाला, वे अगले चुनाव में फिर विधानसभा में नहीं पहुंचे। सहाडा से 1998 में विधायक बने रघुवीर मीणा ही इस दौरान ऐसे खेलमंत्री रहे हैं, जो 2003 में हुए अगले विधानसभा चुनाव में भी विजयी रहे। रघुवीर मीणा इस बार सलूम्बर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं।
रामकिशन वर्मा बने थे पहले खेलमंत्री
भारत ने 1982 में दिल्ली में एशियाई खेलों की मेजबानी की और उससे पहले केन्द्र और राज्य सरकारों में खेलों के लिए अलग से मंत्रालय बना। कोटा के लाडपुरा से विधायक रहे रामकिशन वर्मा 1982 में राजस्थान के पहले खेलमंत्री बने। वर्मा ने पूरे तीन साल खेल मंत्रालय संभाला। इसके बाद 1985 से 1990 के कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान महेन्द्र कुमार परमार, अश्क अली टांक, चन्द्रशेखर शर्मा और केसी विश्नोई खेलमंत्री बने।
आठ साल खेलमंत्री रहे भंवरलाल शर्मा
1990 में प्रदेश में भाजपा सरकार में हवामहल से विधायक भंवरलाल शर्मा राजस्थान के खेलमंत्री बने। भाजपा के दिग्गज नेता भंवर लाल शर्मा मार्च 1990 से दिसम्बर 1992 तक खेलमंत्री रहे। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद 1993 में दोबारा भाजपा सत्ता में आई तो भंवर लाल शर्मा को फिर से खेल
मंत्रालय सौंपा गया। लेकिन भंवर लाल शर्मा 1998 के चुनाव में विधायक नहीं बने। उन्होंने चुनावी राजनीति से संन्यास ले लिया।
ये खेल मंत्री दोबारा नहीं जीते
जुलाई 1998 से नवम्बर 1998 तक खेलमंत्री रहे बस्सी से विधायक कन्हैया लाल मीणा 1998 के चुनाव में नहीं जीत सके। 1998 में कांग्रेस सरकार में सुजानगढ़ से विधायक मास्टर भंवर लाल मेघवाल राज्य के खेलमंत्री बने, जो 2003 के चुनाव में सफल नहीं हो सके। 2003 में भाजपा सरकार में डीडवाना से विधायक यूनुस खान ने खेल मंत्रालय का भार संभाला और उसके बाद छबड़ा से जीतकर आए प्रताप सिंह सिंघवी भी खेलमंत्री बने लेकिन दोनों ही 2008 के चुनाव में दोबारा विधायक नहीं बन सके।
गरासिया और खींवसर भी अगला चुनाव हारे
2008 में कांग्रेस सरकार में गोगुन्दा से विधायक मांगीलाल गरासिया राजस्थान के खेलमंत्री बने। गरासिया पहले ऐसे खेलमंत्री रहे, जिन्होंने पूरे पांच साल खेलमंत्रालय संभाला। लेकिन 2013 के चुनाव में वे जीत हासिल करने में नाकाम रहे। इसी तरह 2013 के चुनाव लोहावाट से जीतकर आए गजेन्द्र सिंह खींवसर भाजपा सरकार में खेलमंत्री बने लेकिन वे भी 2018 के चुनाव में जीत हासिल करने में नाकाम रहे।

Comment List