ओलंपिक खेलों में भाग लेकर आए अनंतजीत सिंह का भव्य स्वागत, प्रशंसकों के साथ एयरपोर्ट पर मनाई खुशी
पदक नहीं जीत पाना दुखद रहा
अनंतजीत ने अपने परिजनों और प्रशंसकों के साथ खुशी मनाई। पेरिस ओलंपिक में भारत के 117 सदस्यों के दल में राजस्थान के सिर्फ 2 खिलाड़ी शामिल थे।
जयपुर। पेरिस ओलंपिक खेलों की स्कीट मिक्स्ड इवेंट में मात्र एक अंक से पदक से चूके जयपुर के अंतरराष्ट्रीय शूटर अनंतजीत सिंह नरूका ने कहा कि ओलंपिक में हिस्सा लेना गर्व की बात है। ये मेरा पहला ओलंपिक था। एक्साइटमेंट था और कुछ नर्वस भी था, लेकिन हमने अच्छा खेला। ये दुखद रहा कि एक अंक से पदक से चूक गए, लेकिन अगली बार निश्चित रूप से जीतकर लौटेंगे। जयपुर लौटे अनंतजीत का एयरपोर्ट पर उनके परिवारजन, प्रशंसकों और राजस्थान शूटिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भव्य स्वागत किया। अनंतजीत ने अपने परिजनों और प्रशंसकों के साथ खुशी मनाई। पेरिस ओलंपिक में भारत के 117 सदस्यों के दल में राजस्थान के सिर्फ 2 खिलाड़ी शामिल थे। अनंतजीत के साथ उनकी स्कीट मिक्स्ड इवेंट की पार्टनर महेश्वरी चौहान भी राजस्थान के जालौर की हैं। अनंतजीत ने कहा कि यह राजस्थान के खेल जगत के लिए गर्व की बात है। हमने ओलंपिक के लिए अच्छी तैयारी की और मैंने और मेरी पार्टनर महेश्वरी ने अपना बेस्ट खेल खेला, लेकिन इतने पास पहुंचकर पदक नहीं जीत पाना दुखद रहा। बाकी खिलाड़ी भी अच्छी तैयारी के साथ आए थे। और कहें तो उस दिन चीनी खिलाड़ियों का दिन था।
अपनी भविष्य की योजना के बारे में अनंतजीत ने कहा कि ओलंपिक तक पहुंचने का सफर काफी कठिन रहा। पहले एशियाई खेलों में पदक जीता और उसके बाद ओलंपिक कोटा हासिल किया। इस बार हम पदक भले ही नहीं जीत सके, लेकिन अच्छा अनुभव मिला। अब ओलंपिक अगले चार साल बाद होंगे और तब जीतकर ही लौटेंगे। अनंतजीत ने कहा कि शूटिंग में पिछले ओलंपिक में भी भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा था। अन्य खेलों में भी हमारे खिलाड़ी काफी मेहनत कर रहे हैं और धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं। आने वाले समय में हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छे मेडल लेकर आएंगे। उन्होंने कहा कि ओलंपिक खेलों की तैयारी में भारत सरकार काफी मदद कर रही है। राजस्थान सरकार को भी खिलाड़ियों को वित्तीय मदद करनी चाहिए। साथ ही शूटिंग रेंज, जहां हम प्रेक्टिस करते हैं, वहां भी सुविधाओं में इजाफा किया जाना चाहिए। महिला पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य करार दिए जाने के मामले पर अनंतजीत ने कहा कि एक एथलीट का दर्द खिलाड़ी ही महसूस कर सकता है। हम एक अंक से पदक से चूक गए, जबकि विनेश तो फाइनल में पहुंचकर गोल्ड के बेहद करीब थी। मैं उनका दर्द समझ सकता हूं। इतनी मेहनत के बाद इस तरह होना बहुत दुखद है।

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